अफगानिस्तान में तालिबान शासन के साथ केंद्र सरकार की औपचारिक भागीदारी और मुद्रीकरण नीति की घोषणा करने के फैसले, उच्च मुद्रास्फीति पर चिंताओं को दूर करने में देरी के कारण सरकार और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बीच तनातनी की खबरें मिल रही है।
नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) शासन के साथ केंद्र सरकार की औपचारिक भागीदारी और मुद्रीकरण नीति की घोषणा करने के फैसले, उच्च मुद्रास्फीति पर चिंताओं को दूर करने में देरी के कारण सरकार और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के बीच तनातनी की खबरें मिल रही है।
आरएसएस के पदाधिकारियों के अनुसार, बढ़ती कीमतों के मुद्दे को संघ के विभिन्न सहयोगियों द्वारा रेखांकित किया गया है। इधर, RSS से संबद्ध सबसे बड़े श्रमिक संघों में से एक भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में महंगाई के खिलाफ पहले ही एक प्रस्ताव पारित कर सरकार से सुधारात्मक कदम उठाने को कहा है।
संघ का मानना है कि नौकरी में कटौती और वेतन में कटौती से श्रमिक सबसे अधिक प्रभावित हैं और इंफ्लेशन पर कोई कंट्रोल नहीं है। संघ ने देश की संपत्ति को निजी (Privatelization) हाथों में देने के खिलाफ भी सरकार को आगाह किया है।