चर्चित लेखक अमित राजपूत की नई किताब 'कोरोनानामा: बुजुर्गों की अनकही दास्तान' का अनावरण पर्दाफाश के संपादक मुनेन्द्र शर्मा के द्वारा पर्दाफाश .कॉम (https://hindi.pardaphash.com)के आफिस में किया गया ।
पुस्तक कोरोनानामा: चर्चित लेखक अमित राजपूत की नई किताब ‘कोरोनानामा: बुजुर्गों की अनकही दास्तान’ का अनावरण पर्दाफाश के संपादक मुनेन्द्र शर्मा के द्वारा पर्दाफाश .कॉम (https://hindi.pardaphash.com)के आफिस में किया गया । इस अवसर पर संपादक मुनेन्द्र शर्मा ने लेखक अमित राजपूत को शुभकामना देते हुए कहा कि समाज के दर्द को एक लेखक महसूस करता है। कोरोना महामारी के कठिन समय को एक किताब में पिरोने का काम युवा स्तंभकार और लेखक अमित राजपूत ने किया,वह लोगों के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा। इसमें पाठकों को इस सामाजिक आपातकाल में वरिष्ठ नागरिकों की सेवा, सहयोग और सम्मान के कुछ अप्रतिम उदाहरणों के बारे में पढ़ने को मिलेगा।
लेखक अमित उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के खागा नगर के नई बाजार मोहल्ले के रहने वाले है। अमित राजपूत युवा स्तंभकार और ब्रॉडकास्टर हैं। वह देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं व पोर्टल्स पर सामाजिक, राजनीतिक व नीतिगत मामलों पर निरंतर लिखते हैं।पुस्तक कोरोनानामा मूलरूप से रिपोर्ताज-संग्रह है, जो कोरोना-काल में बुजुर्गों के प्रति सजगता को परिलक्षित करती हुई उनकी विशिष्ट भूमिकाओं पर केन्द्रित एक ग्राउण्ड रिपोर्ट है। इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से प्राप्त कुल आठ रिपोर्ताज शामिल किये गये हैं। इन्हें देश के विभिन्न प्रान्तों के पेशेवर व गैर पेशेवर पत्रकारों और रिपोर्टर्स ने लिखे हैं, जिनका संपादन अमित राजपूत ने किया है।
लेखक परिचय
जन्म
4 फरवरी, 1994 को उत्तर प्रदेश के जनपद फतेहपुर के कस्बा खागा में। इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज से स्नातक। गुरु जंभेश्वर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार से परास्नातक। भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में डिप्लोमा।
पुस्तकें
‘अंतर्वेद प्रवर : गणेश शंकर विद्यार्थी’, ‘आरोपित एकांत : कोविड-19 के कोपाकुल-काल का परिदृश्य’, ‘जान है तो जहान’ तथा ‘कोरोनानामा : बुजुर्गों की अनकही दास्तान’। ‘समोसा’ तथा ‘जंतर का मंतर’ (कहानी-संग्रह)।
रंगमंच पर अनेक नाटक, रेडियो नाटक तथा रेडियो रूपक का लेखन व अभिनय।