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आम जनता को महंगाई का जल्द लगेगा बड़ा झटका, दूध की कीमतों में भी चार से पांच प्रतिशत तक हो सकती है बढ़ोत्तरी

महंगाई से आम जनता को फिलहाल राहत मिलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। एक- एक कर खाने- पीने की सभी चीजें महंगी होती जा रही हैं। पहले टमाटर की बढ़ती कीमतों ने लोगों का बजट बिगड़ा और अब कुछ दिनों बाद महंगे दूध आंखों से आंसू निकाल सकते हैं। जानकारों का कहना है कि चारे महंगे होने से जल्द दी दूध की कीमतों में भी चार से पांच प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी हो सकती है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। महंगाई से आम जनता को फिलहाल राहत मिलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। एक- एक कर खाने- पीने की सभी चीजें महंगी होती जा रही हैं। पहले टमाटर की बढ़ती कीमतों ने लोगों का बजट बिगड़ा और अब कुछ दिनों बाद महंगे दूध आंखों से आंसू निकाल सकते हैं। जानकारों का कहना है कि चारे महंगे होने से जल्द दी दूध की कीमतों में भी चार से पांच प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसका असर सीधे खाद्य उत्पादों पर पड़ेगा। दूध महंगा होने से दही, छाछ, मिठाइयां, लस्सी और पनीर भी महंगे हो जाएंगे।

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रिपोर्ट के मुताबिक, चारे के साथ- साथ पशु आहार भी 25 प्रतिशत तक महंगे हो गए हैं। इसका सीधा असर दूध प्रोडक्शन पर पड़ा है। अब किसानों को दुधारू मवेशियों के आहार पर पहले के मुकाबले ज्यादा खर्च करने पड़ रहे हैं। ऐसे में किसान डेयरी कंपनियों को महंगे रेट पर दूध बेच रहे हैं। यही वजह है कि लागत अधिक आने से डेयरी कंपनियां भी दूध की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग करने के बाद महंगे दर पर दूध बेच रही है।

कीमतों में 10 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज 

खास बात यह है कि दूध की कीमतों में बढ़ोत्तरी कोई नई बात नहीं है। पिछले एक दशक में दूध के दाम 57 प्रतिशत महंगे हो गए हैं, लेकिन पिछले एक साल के अंदर दूध सबसे ज्यादा महंगा हुआ है। इसकी कीमतों में 10 रुपये की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। अगर पिछले तीन साल की महंगाई पर नजर डालें तो दूध 22 प्रतिशत से ज्यादा महंगा हुआ है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना काल के बाद से दूध की कीमतों में ज्यादा तेजी आई है, क्योंकि दूध और इसके उत्पादों की मांग में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।

बेमौसम बारिश से फसल हुई बर्बाद

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वहीं, पिछले डेढ़ साल से कई राज्यों में लाखों की संख्या में मवेशी लंपी वायरस से संक्रमित हुए हैं। इससे हजारों दुधारू मवेशियों की मौत हो गई। साथ ही वायरस से संक्रमित मवेशियों ने समय से पहले ही दूध देना बंद कर दिया है। इससे अचनाक दूध के उत्पादन में कमी आने से कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा बेमौसम बारिश की वजह से फसल बर्बाद हो गई। इससे चारे भी महंगे हो गए। इसका असर भी दूध की कीमतों पर पड़ा है।

एक लीटर फुल क्रीम दूध की कीमत साल 2013 में थी 42 रुपये 

बता दें कि साल 2013 में एक लीटर फुल क्रीम दूध की कीमत 42 रुपये थी, लेकिन अब इसकी कीमत 66 रुपये हो गई है। अलनीनो और बाढ़ से खरीफ फसल बर्बाद होती है, तो आने वाले महीनों में चारे भी महंगे हो जाएंगे। ऐसे में दूध की कीमतों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। यदि दूध की कीमतों में 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होती है, तो एक किलो दूध के दाम 3 रुपये बढ़ जाएंगे।

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