बिहार की राजनीति में सियासी भूचाल की आंशका जाहिर की जा रही है। एनडीए के समर्थक अब विरोध में आवाज उठा रहे हैं। वहीं, इस बीच बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और नीतीश सरकार के मंत्री एवं वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी के बीच मुलाकात के बाद प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ गया है। दरअसल, जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को ट्वीट कर शुक्रवार सीएम नीतीश कुमार से पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल छह महीने बढ़ाने की मांग की थी।
पटना। बिहार की राजनीति में सियासी भूचाल की आंशका जाहिर की जा रही है। एनडीए के समर्थक अब विरोध में आवाज उठा रहे हैं। वहीं, इस बीच बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और नीतीश सरकार के मंत्री एवं वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी के बीच मुलाकात के बाद प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ गया है। दरअसल, जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को ट्वीट कर शुक्रवार सीएम नीतीश कुमार से पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल छह महीने बढ़ाने की मांग की थी।
कई बार आपातकाल के दौरान लोकसभा के कार्यकाल को संविधान के आर्टिकल 352 के तहत बढ़ा दिया गया।
कोरोना के आपात संकट को ध्यान रखते हुए मा.@NitishKumar जी से आग्रह है कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल कम से कम 6 माह के लिए बढ़ा दिया जाए जिससे ग्रामीण इलाक़े का विकास कार्य चलता रहे।— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) May 28, 2021
मांझी ने देश में आपातकाल के दौरान लोकसभा का कार्यकाल बढ़ाने का हवाला दिया था। जीतन राम मांझी ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुकेश सहनी से पंचायत चुनाव के अलावा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई है। मांझी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 6 महीने तक बढ़ाने की भी मांग की।
मुकेश सहनी से मुलाकात के बाद मांझी ने राज्य में कोरोना को लेकर नीतीश सरकार पर सवाल भी खड़े किए। उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट कर सरकार की खिंचाई की। राज्य के उप स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार से अनुरोध किया।उन्होंने कहा कि कोरोना की रोकथाम के लिए लॉकडाउन समाधान नहीं है। सही मायने में स्वास्थ्य संकट से निपटना है तो गांवों के उप स्वास्थ्य केन्द्रों तक को सुव्यवस्थित करना होगा ताकि भविष्य में स्वास्थ्य संकटो से निपटा जा सके। हालांकि इस दौरान मांझी ने सीएम नीतीश कुमार को करोना संक्रमण के घटती दर के लिए आभार जताया।