यूपी में सड़कों को गड्डा मुक्त करने की दूसरी मियाद खत्म हो गई। पीब्डल्यूडी हो या नगर-निगम हो या फिर एनएचएआई सभी का दावा है कि उनके हिस्से की सभी सड़कें लगभग दुरुस्त हो चुकी हैं, लेकिन दावे के उलट जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
पीलीभीत। यूपी में सड़कों को गड्डा मुक्त करने की दूसरी मियाद खत्म हो गई। पीब्डल्यूडी हो या नगर-निगम हो या फिर एनएचएआई सभी का दावा है कि उनके हिस्से की सभी सड़कें लगभग दुरुस्त हो चुकी हैं, लेकिन दावे के उलट जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
पूरनपुर विधानसभा के ट्रांस शारदा क्षेत्र में वर्षों से जर्जर सड़कों की नहीं हो रही मरमत है। इससे आए दिन लोग हादसे के शिकार हो रहे है। शासन के गड्ढा मुक्त अभियान पर पीडब्ल्यूडी की ओर से किस तरह पलीता लगाया जाता है। यहां के अभियंताओं से सीखा जा सकता है। गड्ढा मुक्त अभियान में जनपद की 140 सड़कों को शामिल किया गया था। इन पर पैचवर्क करने के लिए शासन ने 2.30 करोड़ का बजट भेजा।
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का दावा है कि 129 सड़कों पर काम पूरा हो चुका है। लेकिन सच्चाई कुछ और बयां कर रही है। सड़कों पर गड्ढे तो भर गए हैं लेकिन आधे-अधूूरे। अब भी कई सड़कों का बुरा हाल है। हकीकत देखने के लिए सोमवार को जब शहर से सटे गांव बिलगवां से जोनापुरी को जाने वाली सड़क देखी, तो वहां पर गड्ढे की गड्ढे दिखाई दिए। जबकि विभाग इस पर पैचवर्क का काम पूरा होने का दावा कर रहा है।
पूरनपुर विधानसभा के ट्रांस शारदा क्षेत्र की सड़कों के गढ्ढा मुक्त की हकीकत। वर्षों से जर्जर सड़कों की नहीं हो रही मरमत… @JitinPrasada कुछ कृपा करिये… pic.twitter.com/lksKD5VRUR
— Shiv Maurya (@shivmaurya00) December 3, 2022
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प्रांतीय खंड की ओर से 140 सड़कों को गड्ढा मुक्त योजना में शामिल किया गया था। जिससे इन पर पैचवर्क कराने के बाद सड़कों को दुरुस्त कराया जा सके। शासन ने 30 नवंबर तक सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की समय सीमा तय की। सड़कों पर यह कार्य हर साल कराया जाता है। शासन से आदेश आने के बाद प्रांतीय खंड की ओर से काम शुरू कर दिया गया। काम में रुपये की कमी आड़े न आए इसके लिए शासन ने तीन किस्तों में दो करोड़ से अधिक बजट भी भेज दिया। काम जल्द पूरा कराने के चक्कर में पैचवर्क तो पूरा हो गया, मगर मानक के अनुसार काम नहीं हुआ। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने सभी 129 सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया है। सभी के गड्ढे बजरी और तारकोल से भर दिए हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही है। कागजों में गड्ढे भरे दिख रहे हैं और हकीकत में सड़कें उधड़ी नजर आ रही हैं।
बिलगवां से जोनापुरी की ओर जाने वाली सड़क पर दो किलोमीटर में गड्ढा मुक्त अभियान के तहत पैचवर्क कराया गया था। इस सड़क से दस गांवों के लोगों का आवागमन रहता है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि सड़क को गड्ढामुक्त कर दिया गया है। सारे गड्ढे भर दिए गए हैं। सोमवार को राहगीरों से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले सड़क पर गड्ढे भरकर खानापूर्ति की गई। सड़क पर अब भी गड्ढे हैं। सड़क पर हर पचास कदम पर गड्ढा हैं। कई जगह सड़क उधड़ी पड़ी हैं। सड़क पर बजरी नजर आ रही है।
एक्सईएन प्रांतीय खंड उदय नारायण ने बताया कि सड़कों पर पैचवर्क का काम लगभग पूरा हो चुका है। इसके लिए 2.30 करोड़ का शासन ने बजट भेजा था। अगर किसी सड़क पर पैचवर्क के काम में लापरवाही बरती गई है, तो जांच कराई जाएगी।