मलमास खत्म होने के बाद 14 अप्रैल से एक बार फिर शहनाई की गूंज सुनाई देगी अर्थात वैवाहिक और अन्य मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो जाएगी।
ज्योतिषियों ने बताया कि करीब पौने दो माह लगातार शुभ मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद 12 जून से 8 जुलाई तक गुरु का तारा अस्त होने से मांगलिक कार्य नहीं होंगे। अगले मुहूर्त चातुर्मास के बाद 16 नवंबर से शुरू होंगे।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया कि नवग्रहों के राजा सूर्य एक राशि में एक माह गोचर करते हैं। अर्थात सूर्य एक वर्ष में बारह राशि में परिभ्रमण कर लेते हैं। सूर्य का धनु तथा मीन में गोचर अच्छा नहीं माना जाता है, इसलिए इन्हें मलमास कहते हैं। वर्तमान में सूर्य मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, इसे मीन मास या मलमास कहा जाता है।
14 अप्रैल को सूर्य मीन राशि को छोड़कर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मेष राशि में आते ही मलमास का समापन होगा तथा शुभ मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। पं. डब्बावाला ने बताया 12 जून से 8 जुलाई तक गुरु का तारा अस्त रहेगा। इसलिए इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं होंगे।