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Vaishakh Month 2025 : वैशाख में जल दान और तीर्थ दर्शन करने से से मिलता है ऐसा फल,जानें पुराणों में क्या बताया गया है ?

हिंदी पंचांग के वैशाख  मास को माधव मास कहा जाता है। इस मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। 13 अप्रैल से हिन्दी पंचांग का दूसरा महीना वैशाख शुरू गया है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Vaishakh Month 2025 : हिंदी पंचांग के वैशाख  मास को माधव मास कहा जाता है। इस मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। 13 अप्रैल से हिन्दी पंचांग का दूसरा महीना वैशाख शुरू गया है। ये महीना 12 मई तक रहेगा। वैशाख मास में ताप,गर्मी पूरे प्रभाव होती है इस कारण इन दिनों में जल दान करने का महत्व है। इस महीने में अक्षय तृतीया और बुद्ध पूर्णिमा जैसे बड़े व्रत-पर्व आएंगे।

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स्कंदपुराण के अनुसार

न माधवसमो मासो न कृतेन युगं समम्।
न च वेदसमं शास्त्रं न तीर्थं गंङ्गया समम्।।

वैशाख महीने में किए गए जल दान का अक्षय पुण्य मिलता है। अक्षय पुण्य यानी इस पुण्य का शुभ असर जीवन भर बना रहेगा।

वैशाख मास दान
स्कंद पुराण में कहा गया है “वैशाखे दत्तं जलं शीतलं, स्वर्गदं भवति न संशयः।” मतलब जो व्यक्ति इन दिन किसी प्यासे व्यक्ति की प्यास बुझाता है तो उस पर सूर्य देव की हमेशा कृपा बनी रहती है।

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धर्म-कर्म 
वैशाख में जल दान और अन्न दान को बहुत शुभ माना जाता है।
अक्षय पुण्य 
वैशाख में किए गए दान का अक्षय पुण्य मिलता है, यानी इसका शुभ प्रभाव जीवन भर बना रहता है।

पशु-पक्षियों के लिए 
वैशाख में पशु-पक्षियों के लिए जल और अन्न की व्यवस्था करना धर्म की भावना को दर्शाता है।

पानी
अपने घर के बाहर, छत पर या किसी भी स्थान पर पानी के बर्तन रखें।
अन्न
छतों पर या घर के बाहर पक्षियों के लिए चने, चावल, ज्वार, गेहूं आदि के दाने रखें।
अन्य
सार्वजनिक स्थान पर प्याऊ लगवाएं या पानी के लिए व्यवस्था करें।

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