उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि राज्य में जीवनरक्षक रेमेडेसीवीर इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है। श्री योगी ने टीम 11 के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि रेमेडेसीवीर जैसी जीवनरक्षक दवा की आपूर्ति प्रदेश में सुचारु है। हर दिन लगभग 18,000 से 20,000 वॉयल प्रदेश को प्राप्त हो रही है।
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि राज्य में जीवनरक्षक रेमेडेसीवीर इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है। श्री योगी ने टीम 11 के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि रेमेडेसीवीर जैसी जीवनरक्षक दवा की आपूर्ति प्रदेश में सुचारु है। हर दिन लगभग 18,000 से 20,000 वॉयल प्रदेश को प्राप्त हो रही है। उत्तर प्रदेश की जरूरत को देखते हुए केन्द्र ने प्रदेश के लिए रेमेडेसीवीर इंजेक्शन का आवंटन बढ़ा कर 160,000 कर दिया है। इसके अलावा विभिन्न निर्माता कम्पनियों से सीधे संवाद स्थापित करते हुए इस जीवनरक्षक मानी जा रही दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार के किसी भी डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में रेमेडेसीवीर इंजेक्शन की कमी नहीं है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को यह निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। यदि किसी निजी अस्पताल में रेमेडेसीवीर की आवश्यकता है तो उसे केन्द्र सरकार द्वारा अनुमन्य दरों पर मुहैया कराई जाएगी। रेमेडेसीवीर की मांग-आपूर्ति-वितरण व्यवस्था की समीक्षा की जाए। इस दवा के वितरण व्यवस्था को पारदर्शी ढंग से हो।
श्री योगी ने कहा कि टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट के मंत्र को अमल में लाते हुए उत्तर प्रदेश प्रथम राज्य हैं, जिसने 03 करोड़ 97 लाख कोविड टेस्ट किया है। यह हमारी सतर्कता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। सभी प्रयोगशालाओं की क्षमता को दोगुनी किए जाने की जरूरत है। इस संबंध में वित्तीय व्यवस्था की जा चुकी है। टेस्ट क्षमता को दोगुनी करने की कार्यवाही प्राथमिकता के साथ किया जाए।
उन्होने कहा कि हमें यह ध्यान रखना होगा कि इस बार की कोविड लहर पिछली लहर की तुलना में 30 गुनी अधिक संक्रामक है। अतः विशेष सतर्कता जरूरी है। पंचायत चुनावों के दृष्टिगत कोविड प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू कराया जाए। अनावश्यक भीड़ न हो। पंचायत पोलिंग पार्टियों को मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर के साथ-साथ मेडिकल किट भी मुहैया कराया जाए।
श्री योगी ने कहा कि विभिन्न राज्यों से प्रदेश आ रहे प्रवासी कामगारों, श्रमिकों को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए परिवहन व गृह विभाग आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि लक्षणविहीन प्रवासी श्रमिकों को न्यूनतम 07 दिन के लिए क्वारन्टीन किया जाए। अस्वस्थ होने की दशा में अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए। परिवहन निगम की बसों को व्यापक स्तर पर सैनिटाइज कराया जाए। प्रदेशव्यापी स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फॉगिंग का कार्य सतत जारी रहे।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग भय और दहशत का माहौल बनाने में लगे हैं। सोशल मीडिया पर एक जैसे संदेश अलग-अलग एकाउंट से प्रसारित किए जा रहे हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित कर इनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। राज्य निर्वाचन आयोग से अनुरोध करते हुए यह सुनिश्चित कराएं कि पंचायत चुनाव प्रचार में में एक साथ कहीं भी तीन से अधिक लोग एकत्रित न हों। दावत, सभाओं आदि पर पूरा प्रतिबंध लगाया जाए।