यूपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में योगी सरकार के फेल होने को आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जीवन रक्षक दवाओं, ऑक्सीजन की उपलब्धता पर योगी सरकार के दावे झूठे हैं। उन्होंने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि राज्य सरकार के सभी दावे हेराफेरी वाले हैं।
लखनऊ। यूपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में योगी सरकार के फेल होने को आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जीवन रक्षक दवाओं, ऑक्सीजन की उपलब्धता पर योगी सरकार के दावे झूठे हैं। उन्होंने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि राज्य सरकार के सभी दावे हेराफेरी वाले हैं।
कोरोना के आंकड़ों में हेराफेरी करने वाले मुख्यमंत्री की प्रशंसा करने वाले रक्षा मंत्री को क्या अपनी संसदीय सीट लखनऊ सहित प्रदेश भर के श्मशानों में चिताओं से उठती लपटें नहीं दिखाई दीं? बिना ऑक्सीजन व बिना दवाओं से होती मौतें उन्हें क्यों नहीं दिखाई देती हैं? रक्षा मंत्री जिस तरह मुख्यमंत्री की तारीफ कर रहे हैं, उससे साबित होता है कि मानवीय संवेदना का उनसे कोई सम्बन्ध नहीं है।
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि ग्रामीण व कस्बाई इलाकों में फर्जी जांच व गुमराह कर उसने अंतर्राष्ट्रीय संस्था डब्लूएचओ से पीआर के बल पर प्रशंसा प्राप्त की है। जबकि जमीनी सच्चाई यह है कि उत्तर प्रदेश में न वैक्सीन है, न ऑक्सीजन, न दवाई, फिर भी उसके झूठे दावे में कोई कमी नहीं आ रही है। सरकार की लापरवाही के कारण लाशों के ढेर लगे हैं। लाशों की मीनार खड़ी कर वह प्रशंसा प्राप्त कर रही है। उन्होंने सरकार पर सवाल दागते हुए कहा कि मानवता को कलंकित करने वाली ऐसी निर्लज्जता भाजपाई लाते कहां से हैं?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कोरोना पर सरकार के दावे पर कहा कि गांव, कस्बों में कोरोना के सिम्टम्स से लगातार मौतें हो रही है। मां गंगा की जलधारा अपनों के शव समेटने को विवश है। लाशों की मीनार खड़ी कर सरकार अपना रेड कारपेट स्वागत कराने में व्यस्त है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना संक्रमण को हेराफेरी भरे आंकड़ों से नियंत्रित करने का घृणित खेल खेलकर मानवता के साथ पग-पग पर पाप कर रही है। योगी सरकार को समझ लेना चाहिये कि झूठी प्रशंसा व फर्जी आंकड़ों से मौत व संक्रमितों की संख्या कम बताकर गुमराह कर सकते हैं, लेकिन उसे नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। फर्जी दावों, हेराफेरी भरे आंकड़ों से बाहर आकर योगी आदित्यनाथ जमीनी सच्चाई का सामना करते हुए अपने संवैधानिक व नैतिक दायित्व का निर्वहन करें।