संसद के मॉनसून सत्र का आज नौंवा दिन है। आज लोकसभा में विपक्षी के नेता राहुल गांधी ने बजट पर अपनी बात रखते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने महाभारत, अभिमन्यु और चक्रव्यूह तक का जिक्र किया और पेपर लीक, 'देश में फैले डर', बजट और टैक्स से जुड़े मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरा।
नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र का आज नौंवा दिन है। आज लोकसभा में विपक्षी के नेता राहुल गांधी ने बजट पर अपनी बात रखते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने महाभारत, अभिमन्यु और चक्रव्यूह तक का जिक्र किया और पेपर लीक, ‘देश में फैले डर’, बजट और टैक्स से जुड़े मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरा।
राहुल गांधी ने कहा कि, हजारों साल पहले अभिमन्यु को चक्रव्यूह में 6 लोगों ने मारा था। चक्रव्यूह का दूसरा नाम है-पद्मव्यूह, जो कमल के फूल के शेप में होता है। इसके अंदर डर और हिंसा होती है। 21वीं सदी में एक और चक्रव्यूह तैयार किया गया है। जो अभिमन्यु के साथ हुआ, वही हिंदुस्तान के साथ किया जा रहा है। अभिमन्यु को चक्रव्यूह में 6 लोगों ने मारा था। आज भी चक्रव्यूह के बीच में 6 लोग हैं। ये 6 लोग- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोभाल, अडानी और अंबानी हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, वित्त मंत्री जी ने बजट में इंटर्नशिप प्रोग्राम की बात की। ये एक मजाक है, क्योंकि आपने कहा कि इंटर्नशिप प्रोग्राम देश की 500 बड़ी कंपनियों में होगा। 99% युवाओं का इस प्रोग्राम से कोई लेना-देना नहीं है.. यानि आपने पहले टांग तोड़ दी, फिर आप बैंडेज लगा रहे हैं। सच्चाई ये है कि आपने बेरोजगारी और पेपर लीक का चक्रव्यूह बना दिया है। युवाओं के लिए पेपरलीक आज सबसे बड़ा मुद्दा है, लेकिन बजट में इसकी बात नहीं की गई। इसके उलट आपने शिक्षा का बजट घटा दिया है।
मिडिल क्लास के लिए कुछ नहीं किया
लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इसमें किसानों और मिडिल क्लास के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ अंबानी और अडानी का ख्याल रखते हैं। इस पर स्पीकर ने कहा कि आप उन लोगों पर टिप्पणी नहीं कर सकते, जो सदन के सदस्य नहीं हैं। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि क्या में इन लोगों को 3,4 बोल सकता हूं या फिर A1 या A2 कहूं। उन्होंने कहा कि इन दोनों का देश के बिजनेस पर होल्ड है। इनके बारे में हमें बोलना तो होगा। हम चुप नहीं रह सकते। आप चाहें तो इनके बारे में संबोधन के लिए कुछ व्यवस्था दे दीजिए, पर हमें चुप नहीं कराया जा सकता।