उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रेम, मानवता और भाईचारे की मिसाल देखने को मिली है। बिना किसी भेदभाव के लखनऊ कपूरथला स्थित जामा मस्जिद इंसानियत की सेवा में लगी है। यहां लोगो को ऑक्सीजन, कॉन्सेंट्रेटर, राशन और एम्बुलेंस निशुल्क प्रदान की जा रही है।
लखनऊ: देश में कोरोना की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा रखा है, कोरोना महामारी के दौर में जहां असुविधाओं का अभाव है लोगों को इलाज के लिए अस्पतालों में बेड, जीने के लिए ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है वही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कपूरथला स्थित मस्जिद ने भाईचारे की एक नई मिसाल पेश की है। जहां जात पात व धर्म से ऊपर उठ कर मानवता की सेवा की जा रही है और तमाम जरूरतमंद लोगों को निशुल्क मदद पहुंचाई जा रही है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रेम, मानवता और भाईचारे की मिसाल देखने को मिली है। बिना किसी भेदभाव के लखनऊ कपूरथला स्थित जामा मस्जिद इंसानियत की सेवा में लगी है। यहां लोगो को ऑक्सीजन, कॉन्सेंट्रेटर, राशन और एम्बुलेंस निशुल्क प्रदान की जा रही है।
कपूरथला मस्जिद के इमाम मौलाना सय्यद तौहीद आलम नदवी का कहना है कि ‘मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है मानव जाती की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है,’ तौहीद आगे बताते है की ‘हमे उम्मीद नहीं थी की लोग इतना सहयोग करेंगे, इस वक़्त 18-20 ऑक्सीजन सिलिंडर, 2 कॉन्सेंट्रेटर और 3 एम्बुलेंस लगी हुई है। जो मरीज़ो को लाती और ले जाती है अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसके घर तक उसको पहुंचाया जाता है और अगर उसके घर में क्रियाकर्म करने के लिए कोई नहीं है तो पूरे रीती रिवाज़ के साथ हम उसका क्रियाक्रम भी करते है।
मौलाना बताते है की यहां किसी की मदद करने से पहले उसका धर्म नहीं देखा जाता, हम चाहते है के हमारे देश में लोग एक मां की औलाद की तरह प्यार और मोहब्बत से रहे। मौलाना तौहीद नदवी कहते है के जो कोई भी मदद के लिए आता है तो हम उसका आधार कार्ड और डॉक्टर के लिखे हुए पर्चे देख कर उसको निशुल्क मदद करते है, अगर कोई बिचौलिया किसी तरह हमारे नाम पर रुपए की मांग करता है तो उसके चक्कर में न आये।
किसी को ज़रूरत हो तो मस्जिद ने यह नंबर (+91-9936244397) जारी किआ है जिस पर संपर्क कर के मदद ली जा सकती है। आगे पूछने पर मौलाना बताते है के अभी कुछ दिनों से सेवा के कामों में नए सरकारी आदेश की वजह से कुछ अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है जिसमे कहा गया है के बिना सी.एम.ओ के पत्र के किसी को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी, इमाम साहब का सरकार से निवेदन है के अगर उनको यह पत्र मिल जाए तो वह यह काम आसानी से जारी रख सकते है।