उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal murder case) के करीब महीने भर होने वाले हैं, लेकिन पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है। कुल मिला कर यूपी पुलिस (UP Police) और अतीक के लोगों के बीच तू डाल-डाल तो मैं पात-पात वाला खेल चल रहा है। यूपी पुलिस (UP Police) ने सारे जतन कर लिए, मोबाइल सर्विलांस से लेकर मुखबिर नेटवर्क तक सब एक्टिव हैं, लेकिन अतीक गैंग के लोग तो सुपर एक्टिव निकले।
लखनऊ। उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal murder case) के करीब महीने भर होने वाले हैं, लेकिन पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है। कुल मिला कर यूपी पुलिस (UP Police) और अतीक के लोगों के बीच तू डाल-डाल तो मैं पात-पात वाला खेल चल रहा है। यूपी पुलिस (UP Police) ने सारे जतन कर लिए, मोबाइल सर्विलांस से लेकर मुखबिर नेटवर्क तक सब एक्टिव हैं, लेकिन अतीक गैंग के लोग तो सुपर एक्टिव निकले।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP Chief Minister Yogi Adityanath) का मिट्टी में मिला देंगे वाले बयान के बाद से पुलिस फोर्स ज़बरदस्त दवाब में है। अब यूपी पुलिस (UP Police) और एसटीएफ (STF) की सारी उम्मीदें इस बात पर है कि अतीक गैंग के लोग बस एक गलती कर लें। उमेश पाल के मर्डर (Umesh Pal murder ) से पहले असद की कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं रहा है। बताया जाता है कि असद बेहद गुस्सैल स्वभाव का है। पुलिस को लगा कि शायद इसी कारण वो कोई गलती कर बैठे या फिर मदद के लिए किसी को फोन कर दे। लेकिन अभी तक वह कुछ ऐसा नहीं किया।
शाइस्ता परवीन को पकड़ने में भी यूपी पुलिस फेल
यूपी पुलिस (UP Police) को लग रहा था कि माफिया डॉन अतीक अहमद (Atiq Ahamad) की पत्नी शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) उसके हाथ आ जाएगी। उमेश पाल मर्डर (Umesh Pal murder ) में उस पर भी मुकदमा चल रहा है। वह घटना के अगले ही दिन से ही फरार है। ऐसा कहा जा रहा है कि उमेश की हत्या से पहले और बाद में सभी शूटर शाइस्ता के घर पर ही जमा हुए थे। चकिया इलाके में उस घर को अब बुलडोजर से गिरा दिया गया है। शाइस्ता इस घर में किराए के मकान में रहती थी। पुलिस को लग रहा था कि महिला और गैर पेशेवर होने के नाते शाइस्ता शायद पकड़ में आ जाए,लेकिन पुलिस अब तक फेल रही है। कहा जा रहा है कि शाइस्ता ने ही वारदात के बाद असद समेत सभी शूटरों को नए मोबाइल, सिम कार्ड और जरूरी पैसे दिए थे।
पुलिस के मुखबिर मुस्लिम बस्तियों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। बस कुछ आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चला कर मीडिया और विपक्ष को भरमाया जा रहा है। माफिया डॉन और पूर्व सासंद अतीक अहमद (Atiq Ahamad) साबरमती जेल में बंद है। उसका भाई और पूर्व विधायक अशरफ बरेली जेल में बंद है। जेल में इन दोनों से मुलाकात करने वालों पर भी यूपी पुलिस (UP Police) की नज़र है। इसी मामले में अशरफ के साले सद्दाम की भी पुलिस को तलाश है। वो फरार चल रहा है पर उसका एक सहयोगी लल्ला गद्दी ने कल रात बरेली में सरेंडर कर दिया। उसे एनकांउटर का डर था।
अतीक अहमद (Atiq Ahamad) गैंग के लोग तो पुलिस और एसटीएफ (STF) से भी स्मार्ट निकल गए। पांच लाख के इनामी आरोपियों की लोकेशन तक नहीं मिल पाई है। जबकि यूपी पुलिस (UP Police) नेपाल से लेकर बंगाल तक चली गई पर मिला कुछ नहीं। अब आम लोगों के जेहन में सवाल उठ रहा है कि अतीक गैंग के लोगों को आसमान खा गया या फिर जमीन निगल गई, लेकिन कुछ पता ही नहीं चल पा रहा है।
जांच एजेंसियां प्रयागराज के हजारों सीसीटीवी फुटेज खंगाल चुकी हैं। यूपी के अलग अलग टोल प्लाजा पर लगे सैकड़ों घंटों के सीसीटीवी वीडियो देखने के बाद भी वही ढाक के तीन पात। न तो अतीक अहमद (Atiq Ahamad) का बेटा असद मिला और न ही अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen)। पुलिस ने पूरी ताकत और दिमाग इन्हीं दोनों के पीछे लगा रखा है। उमेश पाल की हत्या के बाद से ही प्रयागराज में अजीब सन्नाटा पसरा है। हर तरफ बस अतीक अहमद (Atiq Ahamad)की ही चर्चा है।