बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा सहित विभिन्न विभागों ने स्थानांतरण के लिए अलग से विभागीय नीति जारी कर दी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने स्थानांतरण के लिए विभागीय नीति अभी तक जारी नहीं की है।
लखनऊ। बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा सहित विभिन्न विभागों ने स्थानांतरण के लिए अलग से विभागीय नीति जारी कर दी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने स्थानांतरण के लिए विभागीय नीति अभी तक जारी नहीं की है। वहीं, बीते साल की तरह इस बार भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में डाक्टर व कर्मचारियों के स्थानांतरण को लेकर अफरातफरी का माहौल बना हुआ है।
जानकारी के मुताबिक मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से स्वयं के अनुरोध पर ट्रांसफर के लिए 24 घंटे का वक्त दिया गया है। इसी के साथ ऑफलाइन आवेदन भी मांगे गए हैं। जिसको लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर व कर्मचारी परेशान हैं। वहीं, चिकित्सा-स्वास्थ्य महासंघ के पदाधिकारियों ने बुधवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. रेनू श्रीवास्तव वर्मा से मुलाकात की और इस मामले में ज्ञापन सौंपा। साथ ही विभागीय स्थानांतरण नीति न जारी होने पर विरोध भी जताया।
चिकित्सा-स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार का कहना है कि जिलों में मुख्य चिकित्साधिकारी व अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ट्रांसफर के लिए फार्म अग्रसारित नहीं कर रहे। उनकी ओर से विभागीय ट्रांसफर नीति जारी न होने की बात कही जा रही हैं। पिछले साल ट्रांसफर नीति जारी की गयी थी।
अशोक कुमार का कहना है कि विभाग अगर कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं कर रहा तो भी कार्मिक विभाग की नीति के अनुसार सभी ट्रांसफार आनलाइन पोर्टल के माध्यम से होना चाहिए। ऑफलाइन आवेदन का क्यों प्रावधान किया गया है? अगर गड़बड़ी हुई तो 20 जून से डाक्टर व कर्मचारी काला फीता बांधकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करेंगे। जिसके बाद 24 जून से दो घंटे कार्य बहिष्कार शुरू होगा।
वहीं, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. रेनू श्रीवास्तव वर्मा का कहना है कि मुख्य सचिव की ओर से जारी निर्देश के अनुसार ट्रांसफर होगा। स्वयं के अनुरोध पर ट्रांसफर के लिए पोर्टल खोल दिया गया है। लेकिन किसी को कोई कठिनाई आ रही है तो वह ऑफलाइन प्रार्थना पत्र दे सकता। उन्होंने कहीं कोई गड़बड़ी नहीं होने देने का आश्वासन दिया है।