ट्यूनीशिया में राजनीतिक संकट गहरा गया है। राष्ट्रपति कैस सैयद ने ट्यूनीशिया की संसद को भंग कर दिया है। इसी के साथ राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री हिचम मेचिचि को भी बर्खास्त कर दिया है।
ट्यूनिश: ट्यूनीशिया (Tunisia) में राजनीतिक संकट गहरा गया है। राष्ट्रपति कैस सैयद (President Kais Saied ) ने ट्यूनीशिया की संसद को भंग (Parliament dissolved) कर दिया है। इसी के साथ राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री हिचम मेचिचि (Prime Minister Hicham Mechichi) को भी बर्खास्त कर दिया है। देश में उपजे नये राजनीतिक हालात पर वहां विरोधियों द्वारा लगातार हमला किया किया जा रहा है। विरोधियों का कहना है कि ये ट्यूनीशिया के लोकतंत्र (Tunisia’s Democracy) पर हमला है। हालांकि, राष्ट्रपति ने कहा कि उनका कदम संविधान के दायरे में है। वहीं, जनता ने इस कदम की सराहना की और सड़कों पर उतरकर जश्न मनाया।
दरअसल, राष्ट्रपति कैस सैयद ने रविवार को कहा कि वह एक नए प्रधानमंत्री की सहायता से कार्यकारी अधिकार ग्रहण करेंगे। ये 2014 में बनाए गए संविधान के लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती है, जो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद के बीच शक्तियों का बंटवारा करता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,सरकारी मीडिया को दिए एक बयान में राष्ट्रपति ने कहा कि पाखंड, विश्वासघात और लोगों के अधिकारों की लूट से कई लोगों को धोखा दिया गया। मैं उन सभी लोगों को चेतावनी देता हूं, जो हथियार उठाने की योजना बना रहे हैं। जो कोई भी गोली चलाएगा, सशस्त्र बल भी फिर उसे गोलियों से ही जवाब देंगे।
बतादें, पिछले सितंबर से ही ट्यूनीशिया में राजनीतिक संकट जारी है। वहीं, रविवार को राष्ट्रपति द्वारा उठाए गए कदम के बाद प्रदर्शनकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। प्रदर्शनकारियों ने सामाजिक और आर्थिक सुधारों का भी आह्वान किया है। ट्यूनीशिया में आर्थिक संकट जारी है।