किसान आंदोलन से उपजे किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब के अगामी विधानसभा के चुनाव में चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है। सयुक्त किसान मोर्चा ने प्रत्याशियों के आवेदन भी मंगा लिए हैं।
चंडीगढ़। किसान आंदोलन(Kisan Aandolan) से उपजे किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब के अगामी विधानसभा के चुनाव में चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है। सयुक्त किसान मोर्चा ने प्रत्याशियों के आवेदन भी मंगा लिए हैं। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर करने वाले किसान संगठनों में से एक संयुक्त किसान मोर्चा अब पंजाब(Punjab) के सियासी अखाड़े में नजर आयेगा।
आंदोलन के दौरान ये वही संगठन थे जिन्होंने सरकार पर उद्योगपतियों के हांथ की कठपुतली होने का आरोप लगाया था। लेकिन अगामी चुनाव में संयुक्त किसान मोर्चा का दोहरा चरित्र सामने आया है। किसान राजनीतिक संगठन के नेताओं ने कहा कि लुधियाना के छह शहरी क्षेत्रों का टिकट उद्योगपतियों को देने का ऐलान किया है। शुक्रवार शाम एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोर्चा के नेता प्रेम सिंह भंगू ने कहा कि एसएसएम(SKM) ने घोषणा की थी कि वह सभी 117 निर्वाचन क्षेत्रों में ईमानदार, शिक्षित और योग्य उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगा। हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।