प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) (Progressive Samajwadi Party 'Lohia')के अध्यक्ष और जसवंत नगर से विधायक शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के बीजेपी (BJP) में शामिल होने की अटकलों का बाजार गर्म है। इसके बीच यूपी (UP( के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अभी बीजेपी (BJP) में फिलहाल ऐसी कोई वैकेंसी खाली नहीं (No Vacancy) है।
लखनऊ। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) (Progressive Samajwadi Party ‘Lohia’)के अध्यक्ष और जसवंत नगर से विधायक शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के बीजेपी (BJP) में शामिल होने की अटकलों का बाजार गर्म है। इसके बीच यूपी (UP( के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अभी बीजेपी (BJP) में फिलहाल ऐसी कोई वैकेंसी खाली नहीं (No Vacancy) है।
ऐसे शुरू हुई थी अटकलें
बता दें कि यूपी के मुख्यमंत्री के शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ से शिवपाल यादव ने मुलाकात की थी। ये मुलाकात 20 मिनट से भी ज्यादा समय तक चली थी। इस मुलाकात के बाद से ही यूपी की राजनीति में अटकले लगना शुरू हो गई थी कि शिवपाल बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और राज्यसभा सदस्य बन सकते हैं।
मुख्यमंत्री से कोई भी कर सकता है मुलाकात – केशव मौर्य
शिवपाल यादव से मुलाकात के सवाल पर केशव मौर्य ने कहा कि योगी आदित्यनाथ पूरे यूपी के मुख्यमंत्री हैं। उनसे कोई भी मुलाकात कर सकता है। चाहे वो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ही क्यों न हो? उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी कई बार मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात कर चुके है।
अखिलेश-शिवपाल के बीच अनबन की हैं खबरें
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा था कि उनके और चाचा शिवपाल के बीच सब कुछ ठीक हो गया है। और अब वो एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद पुरानी कलह फिर से सामने आ गई है। खबरों की मानें तो विधानसभा चुनाव में सपा की हार के बाद शिवपाल यादव की इच्छा नेता प्रतिपक्ष बनने की थी, लेकिन अखिलेश यादव ने नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर खुद विराजमान हो गए। शिवपाल यादव को सपा विधायक दल की बैठक में बुलावा तक भी नहीं भेजा गया। जिसके बाद चाचा-भतीजे के बीच पुरानी खटपट फिर से शुरू हो गई।
बता दे कि 2017 विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम परिवार में भारी कलह सामने आई थी, जिसके बाद शिवपाल यादव ने नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर लिया था।