मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के समक्ष बीते मंगलवार को प्रस्तावित उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 (Uttar Pradesh Township Policy-2023) का प्रस्तुतीकरण किया गया। इसके अनुसार अब एससी व एसटी (SC-ST) यानी दलितों और अनुसूचित जनजाति की जमीन लेने के लिए डीएम (DM) की अनुमति की अनिवार्यता नहीं रहेगी। बता दें कि साढ़े 12 एकड़ में टाउनशिप बसाने की अनुमति भी सरकार देने जा रही है।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के समक्ष बीते मंगलवार को प्रस्तावित उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 (Uttar Pradesh Township Policy-2023) का प्रस्तुतीकरण किया गया। इसके अनुसार अब एससी व एसटी (SC-ST) यानी दलितों और अनुसूचित जनजाति की जमीन लेने के लिए डीएम (DM) की अनुमति की अनिवार्यता नहीं रहेगी। बता दें कि साढ़े 12 एकड़ में टाउनशिप बसाने की अनुमति भी सरकार देने जा रही है।
प्रमुख सचिव आवास नीति रमेश गोकर्ण (Principal Secretary Housing Policy Ramesh Gokarna) ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के समक्ष नई टाउनशिप नीति (UP New Township Policy) को पेश किया। मुख्यमंत्री ने नई नीति को सैद्धांतिक सहमति देते हुए नई नीति के निर्धारण के पूर्व पहले की नीतियों के बाधक बिन्दुओं को हटाकर नीति को सरल बनाने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में हाईटेक टाउनशिप नीति (Hi -tech township policy) समाप्त हो चुकी है। इंटीग्रेटेड नीति में 500 एकड़ और हाईटेक में 1500 एकड़ की अनिवार्यता थी। प्रस्तावित नीति में दो लाख से कम आबादी वाले शहरों में न्यूनतम 12.5 एकड़ जमीन और अन्य शहरों में 25 एकड़ जमीन पर कालोनियां बसाने की अनुमति दी जाएगी। कालोनियों तक जाने के लिए 24 मीटर और अंदर 12 मीटर सड़क की अनिवार्यता होगी।
ग्राम समाज, सीलिंग या फिर अन्य विभागों की जमीन लेकर दूसरे स्थान पर छोड़ने की सुविधा मिलेगी। 50 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल की परियोजनाएं कृषि भूमि और 50 एकड़ तक मास्टर प्लान में आवासीय भूउपयोग पर कालोनी बसाने का लाइसेंस मिलेगा। ग्राम समाज व अन्य शासकीय भूमि को 60 दिनों में नियमित किया जाएगा। राजस्व संहिता (Revenue Code) के प्रावधानों के अधीन 12.5 एकड़ से अधिक भूमि लेने की छूट होगी।
नक्शा पास करने के सख्त मानक
निजी क्षेत्रों में बसने वाली टाउनशिप में सेक्टर विशेष यानी पार्टवार कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी करने की व्यवस्था होगी। जिस सेक्टर का प्रमाण पत्र होगा, उसका ही नक्शा पास किया जाएगा। अगर कंपलीशन प्रमाण पत्र नहीं है तो नक्शा पास नहीं किया जाएगा। इसका मकसद अवैध निर्माण पर रोक लगाना है।
लाइसेंस के लिए टर्नओवर का दायरा बढ़ा
निजी क्षेत्र में टाउनशिप बसाने का लाइसेंस लेने के लिए टर्नओवर का दायरा 50 लाख रुपये था। अब इसे बढ़ाकर 75 लाख कर दिया गया है। टाउनशिप का लीड सदस्य भी अब विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद स्तर पर नहीं बदला जाएगा। इसके लिए प्रमुख सचिव आवास की अध्यक्षता में कमेटी होगी।
लाइसेंस शुल्क भी अब प्रति एकड़ 50 हजार से दो लाख रुपये और जीएसटी देना होगा। पहले यह डेढ़ लाख रुपये ही हुआ कराता था। लाइसेंस क्षेत्रफल की सीमा में अधिकतम 20 प्रतिशत परिवर्तिन अनुमन्य होगा।
उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 की प्रमुख बातें