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UP News : बीजेपी सांसद रमापति राम त्रिपाठी को कोर्ट से सुनाई एक साल की सजा, जानें पूरा मामला

सरकारी काम में बाधा डालने और दरोगा को थप्पड़ मारने के आरोपी देवरिया के भाजपा सांसद व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी (BJP MP and former state president Ramapati Ram Tripathi) के अलावा उनके सहयोगी नारहपुर के संतराज यादव को भी एक साल की सजा सुनाई गई है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। सरकारी काम में बाधा डालने और दरोगा को थप्पड़ मारने के आरोपी देवरिया के भाजपा सांसद व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी (BJP MP and former state president Ramapati Ram Tripathi) के अलावा उनके सहयोगी नारहपुर के संतराज यादव को भी एक साल की सजा सुनाई गई है। जुर्म सिद्ध होने पर अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रभाष त्रिपाठी (Additional Chief Judicial Magistrate Prabhash Tripathi) ने सजा सुनाते हुए दोनों लोगों पर 2300 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

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जानकारी के मुताबिक, अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अम्बरीष चंद्र मल्ल (Special Public Prosecutor Ambarish Chandra Malla) ने कोर्ट को बताया कि उप निरीक्षक शिवमंगल सिंह (Sub Inspector Shivmangal Singh) अपने हमराहियों के साथ 16 जुलाई 1994 को भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवानी (LK Advani, the then National President of BJP) की सुरक्षा व्यवस्था और शांति व्यवस्था के लिए नौसड़ में मौजूद थे। आडवानी के नौसड़ से गोरखपुर की तरफ जाने के कुछ देर बाद करीब 12 बजे मरवडिया कुआं की तरफ हुई घटना को लेकर भाजपा के क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी के साथ गलौज करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया था।

उप निरीक्षक शिवमंगल सिंह (Sub Inspector Shivmangal Singh) ने अपने हमराहियों के साथ समझाने का प्रयास किया तो आरोपी उग्र हो गए और शिवमंगल सिंह को पकड़कर थप्पड़-मुक्कों से पीटा। उनकी सर्विस रिवाल्वर छीनने की कोशिश की। घटना को देखकर हमराहियों और कर्मचारियों ने वादी को बचाने का प्रयास किया तो उपेंद्र दत्त शुक्ल (Upendra Dutt Shukla) के साथ आए सौ-डेढ़ सौ कार्यकर्ता एक राय होकर पुलिस वालों को जान से मारने की नीयत से टूट पड़े और ईंट, पत्थर, कोल्ड ड्रिंक की बोतल, डंडा और लात-मुक्कों से बुरी तरह से मारना शुरू कर दिया। इससे जनता में भय का माहौल व्याप्त हो गया और दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर भागने लगे थे। कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाया है।

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