बिजली उपभोक्ताओं को जल्द ही करंट का झटका लग सकता है। दरअसल, प्रदेश के विद्युत वितरण निगमों की ओर से विद्युत नियामक आयोग में गुरुवार को वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) प्रस्ताव दाखिल कर दिया गया है।
UP News: बिजली उपभोक्ताओं को जल्द ही करंट का झटका लग सकता है। दरअसल, प्रदेश के विद्युत वितरण निगमों की ओर से विद्युत नियामक आयोग में गुरुवार को वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) प्रस्ताव दाखिल कर दिया गया है। इसमें 11 से 12 हजार करोड़ का घाटा बताया गया है। ऐसे में अगर आयोग ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया तो बिजली महंगी हो सकती है। बताया जा रहा है, 15 से 30 फीसदी तक बिजली महंगी हो सकती है। हालांकि, पिछली बार बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे नियामक आयोग ने खारिज कर दिया था।
बता दें कि, नया टैरिफ प्लान तैयार करने के पहले विद्युत वितरण निगमों की ओर से वार्षिक राजस्व आवश्यकता ( एआरआर) प्रस्ताव दाखिल किया जाता है। फिर उसी हिसाब से बढ़ोतरी का प्रस्ताव दाखिल होता है। गुरुवार शाम को नियामक आयोग में दाखिल एआरआर में करीब 11 से 12 हजार करोड़ के बीच गैप (घाटा) दिखाया गया है।
मामले में उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में विद्युत निगमों पर उपभोक्ताओं का करीब 33,122 करोड़ बकाया है। वर्ष 2024-25 में निगमों की ओर से करीब 11 से 12 करोड़ के बीच गैप (घाटा) विद्युत नियामक आयोग से बिजली दरों में बढ़ोतरी की साजिश है। इसे सफल नहीं होने दिया जाएगा।