यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की कैबिनेट बैठक में 22 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी है। इनमें आरक्षण संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। अब इसके बाद 48 घंटों में निकाय चुनाव (Nikay Chunav) की अधिसूचना जारी हो सकती है।
लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की कैबिनेट बैठक में 22 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी है। इनमें आरक्षण संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। अब इसके बाद 48 घंटों में निकाय चुनाव (Nikay Chunav) की अधिसूचना जारी हो सकती है।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सामान्य नगरीय निकाय निर्वाचन-2023 (General Urban Body Election-2023) उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम-1916 (Uttar Pradesh Municipality Act-1916) एवं उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 (Uttar Pradesh Municipal Corporation Act-1959) में संशोधन संबंधी अध्यादेश को रखा गया और मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही कुल 2 प्रस्तावों को योगी कैबिनेट की मुहर लगी है।
पिछड़ा वर्ग आयोग ने राज्य सरकार को आबादी के अनुपात व ट्रिपल टेस्ट के आधार पर ओबीसी के लिए सीटें आरक्षित करने का सुझाव दिया है। अभी आरक्षण प्रदेश स्तर पर आबादी के हिसाब से सीटों को बांटते हुए किया जाता है। इससे पिछड़ों को वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी को देखते हुए मेयर सीटों का आरक्षण प्रदेश, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष मंडल और नगर पंचायत अध्यक्ष सीटों का आरक्षण जिला स्तर पर आबादी और सीटों के अनुपात पर करने का सुझाव है। सुझाव के आधार पर ही इसका अधिनियम में प्रावधान किया गया है।
जानें क्या होगा फायदा?
किसी सीट पर अगर 10 से 20 फीसदी तक आबादी है तो उसके आधार पर सीटें आरक्षित होंगी। किसी सीट पर 30 से 40 फीसदी अगर आबादी है तो तय कोटे के आधार पर 27 फीसदी तक ही आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। अधिनियम के आधार पर ही नियमावली में प्रावधान करते हुए नगर निगम मेयर, पालिका परिषद और नगर पंचायत अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण किया जाएगा।
राज्यपाल की मुहर लगते ही सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सीटों के आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना बुधवार रात से गुरुवार के बीच कभी भी जारी की जा सकती है। आपत्तियों के लिए सात दिन और निस्तारण दो दिनों में करते हुए अंतिम अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
पिछले चुनाव में आरक्षित सीटें शून्य
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 2010 में ट्रिपल टेस्ट के आधार पर सीटों के आरक्षण की व्यवस्था दी थी। उत्तर प्रदेश में इसके बाद वर्ष 2012 व 2017 के चुनाव पुरानी आरक्षण की व्यवस्था के आधार पर हो चुके हैं। इसलिए इन दोनों ही चुनाव में जो सीटें आरक्षित की गई थीं उन्हें शून्य माना जाएगा।आयोग की सिफारिश के आधार पर आरक्षण का अनुपात तय किया जाएगा। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि एससी, एसटी व ओबीसी की कुल आरक्षित सीटें 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। मेयर व अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण में बदलाव होगा और वार्डों में कोई बदलाव नहीं होगा।
मीटिंग के बाद मंत्री एके शर्मा ने बताया, हाईकोर्ट के निर्देश पर ओबीसी आयोग (OBC Commission) की स्थापना की गई। उसकी सर्वे रिपोर्ट आ गई है। इसे सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को भी भेजा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजूरी दे दी। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कुछ आरक्षण संशोधन करने होंगे। इनके संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की सिफारिश की गई है। अब इस पर यूपी की गवर्नर की मंजूरी का इंतजार है। इसके अलावा ऊर्जा और निकाय के प्रस्तावों को पेश किया गया। इनमें से एक था ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर (Green Energy Corridor)की स्थापना का। इसे भी मंजूरी मिली है। ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर (Green Energy Corridor) देश में कई जगह बनने की बात कही थी। फेज टू प्रोग्राम के तहत 4 हजार मेगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी को बुंदेलखंड क्षेत्र में यह परियोजना लगनी है।