उत्तर प्रदेश और एमपी के पाछा क्षेत्र में चार दशक पूर्व डकैतों का वर्चस्व था। उनके इशारों पर पंचायत चुनावों में प्रत्याशी चुने जाते थे। लेकिन पहली बार डकैतों के परिवार से भी लोग चुनावी मैदान में उतरे और जीत हासिल की। दरअसल, डकैत ददुआ के सबसे खास रहे जेल में बंद राधे का बेटा व मारे जा चुके डकैत ठोकिया के भाई ने प्रधान के लिए चुनाव लड़ा था और उन्हें कामयाबी भी मिली है।
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश और एमपी के पाछा क्षेत्र में चार दशक पूर्व डकैतों का वर्चस्व था। उनके इशारों पर पंचायत चुनावों में प्रत्याशी चुने जाते थे। लेकिन पहली बार डकैतों के परिवार से भी लोग चुनावी मैदान में उतरे और जीत हासिल की। दरअसल, डकैत ददुआ के सबसे खास रहे जेल में बंद राधे का बेटा व मारे जा चुके डकैत ठोकिया के भाई ने प्रधान के लिए चुनाव लड़ा था और उन्हें कामयाबी भी मिली है।
बता दें कि, वर्ष 2005 में जब पंचायत चुनाव हुए थे तो डकैत ददुआ और ठोकिया ने परिजनों व करीबियों को नर्विरिोध प्रधान, बीडीसी व डीडीसी आदि बनवाया था। हालांकि, अब ये दोनों डकैत मारे जा चुके हैं। डकैत अंबिका पटेल उर्फ ठोंकिया के भाई दीपक पटेल ने कर्वी विकासखंड की बंदरी ग्राम पंचायत से प्रधान पद पर जीत हासिल की है।
उसने 535 वोट हासिल किए हैं। उसने सुधीर गर्ग को 339 मतों से हराया है। उसे केवल 196 वोट मिले। इसी तरह शीतलपुर तरौंहा ग्राम पंचायत से डकैत राधे का बेटा अरिमर्दन सिंह उर्फ सोनू को प्रधान पद पर जीत मिली है। उसने 192 मत हासिल कर अरविंद सिंह को 22 वोट से हराया है।