जीवन शैली में जूते चप्पल पहनने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। जूते चप्पल पैरों की शोभा बढ़ाते है। लोग बिस्तर पर जाने के पहले तक अपने पैरों में जूते चप्पल पहने ही रहते है।
Vastu Shastra : जीवन शैली में जूते चप्पल पहनने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। जूते चप्पल पैरों की शोभा बढ़ाते है। लोग बिस्तर पर जाने के पहले तक अपने पैरों में जूते चप्पल पहने ही रहते है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि ग्रह का संबंध पैर से भी होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार जूते चप्पल का व्यक्ति के जीवन पर अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ सकता है। वास्तु के अनुसार व्यक्ति जिस रंग के जूते-चप्पल पहनता है उसका जीवन पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव अवश्य पड़ता है। फैशन की वजह से किसी भी रंग के जूते चप्पल पहनने से जीवन मं विपरीत प्रभाव पड़ता है। आइये जानते वास्तु शास्त्र के अनुसार किस रंग के जूते चप्पल पहनने चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पीले रंग के जूते नहीं पहनने चाहिए। क्योंकि पीला रंग बृहस्पति से संबंधित है। ऐसे में पीले रंग की चप्पल पहनकर गुरु बृहस्पति का अनादर करते हैं।इसके साथ ही कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर हो जाता है। इसलिए इस रंग के जूते और चप्पल पहनने से बचना चाहिए।वास्तु शास्त्र के अनुसार पीले रंग को छोड़कर कोई भी काला, नीला, सफेद, भूरा, हरा, लाल जैसे रंग पहन सकता है। इससे व्यक्ति को किसी भी प्रकार के दोष का सामना नहीं करना पड़ेगा।
1.पुराने जूते-चप्पल घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहता है। इसके अलावा मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
2.पूजा घर या किचन की दीवार से सटाकर जूते-चप्पल के रैक को कभी भी नहीं रखना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
3.उत्तर दिशा या आग्नेय कोण और ईशान कोण में जूते-चप्पल की रैक या आलमारी नहीं बनवानी चाहिए।
4.बिस्तर के नीचे जूते-चप्पल रखने से स्वास्थ्य प्रभावित होता है।