जीवन शैली में दर्पण का विशेष महत्व है। बहुत पुरानी कहावत है, 'दर्पण कभी झूठ नहीं बोलता है'। दर्पण और जीवन एक दूसरे के पूरक है।
Vastu Tips : जीवन शैली में दर्पण का विशेष महत्व है। बहुत पुरानी कहावत है, ‘दर्पण कभी झूठ नहीं बोलता है’। दर्पण और जीवन एक दूसरे के पूरक है। दर्पण को श्रृंगार राजा कहा जाता है। बन -ठन, संवर कर निकलने में दर्पण से आज्ञा लेनी पड़ती है। दर्पण के शुभ, अशुभ संकेत भविष्य की सूचना देता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार , घर में दर्पण को लेकर बहुत आवश्यक बातें बतायी गयी है। दर्पण के द्वारा घर का वास्तु दोष दूर किया जा सकता हैं। आइये जानते घर में दर्पण लगाने के वास्तु नियम क्या है।
1.घर में टूटा शीशा नहीं रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि वास्तु शास्त्र के हिसाब से टूटी तस्वीर या शीशे को अपशकुन माना जाता है।
2.उत्तर दिशा में शीशा लगाना बहुत शुभ होता है। उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर की दिशा है। इस दिशा को ऊर्जावान और सकारात्मक रखना ज़रूरी है।
3. बाथरूम में शीशे पूर्व या उत्तर दीवारों पर होने चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मकता को दूर करने और सजीवता लाने में मदद मिलती है। घर के सदस्यों सेहत ठीक रहती है।
4.वास्तु शास्त्र के अनुसार, दो शीशा एक दूसरे के सामने नहीं लगने चाहिए, इससे बैचौनी बढ़ सकती है।
5.अच्छी सेहत और शांति से सोने के लिए बेडरूम में शीशा लगाने से बचे। वास्तु के अनुसार, अगर बेडरूम में शीशा है तो उसे बेड के सामने नहीं होना चाहिए।