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कुलपति कलंक कथा : विनय पाठक मामले में STF ने शासन को सौंपी रिपोर्ट, CBI ने अब तक नहीं शुरू की जांच

भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों से घिरे छत्रपति शाहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय (CSJMU) के कमीशनखोर कुलपति विनय पाठक (Vinay Pathak) के खिलाफ सीबीआई जांच (CBI Investigation) की संस्तुति हो गई है। इसके साथ ही शासन को एसटीएफ ने कमीशनखोर विनय पाठक (Vinay Pathak)  मामले में अब तब की प्रगति का ब्योरा भेज दिया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों से घिरे छत्रपति शाहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय (CSJMU) के कमीशनखोर कुलपति विनय पाठक (Vinay Pathak) के खिलाफ सीबीआई जांच (CBI Investigation) की संस्तुति हो गई है। इसके साथ ही शासन को एसटीएफ ने कमीशनखोर विनय पाठक (Vinay Pathak)  मामले में अब तब की प्रगति का ब्योरा भेज दिया है। बता दें कि शासन ने एसटीएफ (STF) से पूछा था कि विनय पाठक (Vinay Pathak)  प्रकरण में अब तक क्या साक्ष्य मिले हैं? किन पर कार्रवाई हुई और किन विश्वविद्यालयों में जांच की गई थी? वहीं, संस्तुति के तीन दिन बाद भी सीबीआई (CBI)  ने इस मामले को अपने हाथ में नहीं लिया है। सीबीआई (CBI) के किसी भी अधिकारी ने इस मामले में एसटीएफ (STF) से सम्पर्क नहीं किया है।

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बता दें कि डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Digitex Technologies India Private Limited) के एमडी डेविड एम. डेनिस (MD David M. Dennis) ने 26 अक्टूबर को इंदिरानगर थाने में सीएसजीएमयू (CSJMU)  के कुलपति विनय पाठक (Vinay Pathak)  और उनके करीबी अजय मिश्र के खिलाफ परीक्षा’ के संचालन की जिम्मेदारी देने के लिये कमीशन लेने का मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें अजय मिश्र, अजय जैन और संतोष कुमार को गिरफ्तार किया गया है। संतोष ने बरेली में बीएड परीक्षा केन्द्र में कोरोना किट सप्लाई का काम लिया था।

विवेचना में आया था कि यह काम संतोष की कम्पनी के नाम पर ‘अजय ने लिया था। एसटीएफ के एक अधिकारी के मुताबिक पांच दिन पहले सरकार ने इस मामले की सीबीआई अ जांच की संस्तुति कर दी है। इस संस्तुति क के बाद ही शासन की ओर से अब तब की प्रगति का ब्योरा एसटीएफ (STF)  से मांगा स गया था। एसटीएफ (STF)  इस मामले में दो लोगों के खिलाफ चार्जशीट लगभग तैयार कर चुकी थी, लेकिन कोर्ट में दाखिल होने से पहले ही सीबीआई जांच (CBI Investigation)  की संस्तुति हो गई। एसटीएफ (STF)  ने पूरा ब्यौरा शासन को भेज दिया है।

 

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