योगी सरकार (Yogi Government) में मंत्री और निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद (Nishad Party Chief Sanjay Nishad) की आरती का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है। इस वीडियो में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता संजय निषाद (Sanjay Nishad) की आरती करते नजर आ रहे हैं। मंत्री संजय निषाद (Sanjay Nishad) सोफे पर बैठे हुए हैं। निषाद के गले में फूलों की माला है और पार्टी का एक कार्यकर्ता उनकी आरती गा रहा है।
लखनऊ। योगी सरकार (Yogi Government) में मंत्री और निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद (Nishad Party Chief Sanjay Nishad) की आरती का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है। इस वीडियो में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता संजय निषाद (Sanjay Nishad) की आरती करते नजर आ रहे हैं। मंत्री संजय निषाद (Sanjay Nishad) सोफे पर बैठे हुए हैं। निषाद के गले में फूलों की माला है और पार्टी का एक कार्यकर्ता उनकी आरती गा रहा है।
एक ढूंढो हज़ार मिलते हैं! https://t.co/u8rKcNAymh
— Jayant Jigyasu (@jayantjigyasu) July 14, 2022
सोशल मीडिया पर यह वीडियो पर खूब कमेंट्स भी आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह वीडियो बुधवार यानी गुरु पूर्णिमा के दिन का है। आरती करने वाला कार्यकर्ता संजय निषाद (Sanjay Nishad) को अपना गुरु मानता है। इसी वजह से गुरु पूर्णिमा के दिन आरती कर रहा है।
संजय निषाद बोले- शिष्य के लिए गुरु भगवान के समान होता है
इस वीडियो पर संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने कहा कि मैं निषाद राज का वंशज हूं। बड़ी संख्या में मेरे शिष्य और मुझे मानने वाले भी है। गुरु पूर्णिमा के दिन मैं दौरे पर था देर रात करीब 11 बजे आवास पहुंचा तो ये सब मेरा इंतजार कर हें थे। मेरे समर्थक और कार्यकर्ता मुझे अपना गुरु मानते हैं। यह उनकी इच्छा का सम्मान है। इसमें मैं क्या कर सकता हूं।
सपा नेता बोले- आरती है आत्म मुग्धता की हद
समाजवादी पार्टी के नेता मनोज काका (Samajwadi Party leader Manoj Kaka) ने भी संजय निषाद (Sanjay Nishad) की आरती वाला वीडियो शेयर कर लिखा है। यूपी सरकार में मंत्री से भगवान बनकर भवसागर से पार उतारने वाले मंत्री संजय निषाद (Sanjay Nishad) जी। आरती आत्म मुग्धता की हद है।
यूजर्स ने लिखा- अब मंदिर बनने की है देर
जय निषाद की आरती को लेकर यूजर्स भी अजब-ग़ज़ब लिख रहें है। ऐक यूजर ने लिखा है कि ‘भगवान तैयार है, बस मंदिर का इंतजार है।’ दूसरे यूजर्स ने लिखा है कि’ यह चापलूसी की इंतहा है।’ कुछ यूजर्स ने तो संजय निषाद को देव-तुल्य बता दिया है। हालांकि कुछ लोगों ने इसे गुरु-शिष्य परंपरा भी बताया है।