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Vinay Pathak Case : वादी डेविड मारियो का मोबाइल हुआ स्विच ऑफ, CBI नहीं कर पा रही है संपर्क

Vinay Pathak Case : छत्रपति शाहू जी महाराज कानपुर यूनिवर्सिटी (CSJMU) के फरार कुलपति  विनय पाठक (Vice Chancellor Vinay Pathak) के खिलाफ सीबीआई (CBI ) ने अपनी जांच तेज कर दी है। एजेंसी ने पाठक के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करवाने वाले डेविड मारियों डेनिस (David M. Dennis) का बयान लेने के लिए संपर्क कर रही है। हालांकि मारियो से सीबीआई (CBI )  का संपर्क नहीं हो पाया रहा है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

Vinay Pathak Case : छत्रपति शाहू जी महाराज कानपुर यूनिवर्सिटी (CSJMU) के फरार कुलपति  विनय पाठक (Vice Chancellor Vinay Pathak) के खिलाफ सीबीआई (CBI ) ने अपनी जांच तेज कर दी है। एजेंसी ने पाठक के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करवाने वाले डेविड मारियों डेनिस (David M. Dennis) का बयान लेने के लिए संपर्क कर रही है। हालांकि मारियो से सीबीआई (CBI )  का संपर्क नहीं हो पाया रहा है। यूपी एसटीएफ (STF) की जांच से संतुष्ट व सीबीआई  जांच (CBI Investigation) के खिलाफ डेविड मारियो सीबीआई (CBI )  के संपर्क में आने से कतरा रहा है।

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यही वजह है कि उसने अपने मोबाइल ऑफ कर दिए है। माना जा रहा है कि डेविड एक बार फिर पाठक के मामले में सीबीआई  जांच (CBI Investigation) कराने के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है। विनय पाठक (Vinay Pathak)के खिलाफ इंदिरा नगर थाने में केस दर्ज करवाने वाले डेविड मारियो डेनिस सीबीआई जांच (CBI Investigation) के खिलाफ कोर्ट में पहले भी याचिका दायर कर चुका है, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था।

क्या था पूरा मामला

दरअसल, लखनऊ के इंदिरानगर थाने में 26 अक्टूबर को डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Digitex Technologies India Private Limited) के एमडी डेविड एम. डेनिस (MD David M. Dennis) ने FIR दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उनकी कंपनी वर्ष 2014 से एग्रीमेंट के तहत आगरा विश्वविद्यालय (Agra University) में प्री और पोस्ट एग्जाम का काम करती रही है। विश्वविद्यालय के एग्जाम पेपर छापना, कॉपी को एग्जाम सेंटर से यूनिवर्सिटी तक पहुंचाने का पूरा काम इसी कंपनी के द्वारा किया जाता रहा है। वर्ष 2019 में एग्रीमेंट खत्म हुआ तो डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज ने यूपीएलसी (UPLC) के जरिए आगरा विश्वविद्यालय (Agra University) का काम किया।

इस बीच वर्ष 2020 से 2022 तक कंपनी के द्वारा किए गए काम का करोड़ों रुपये बिल बकाया हो गया था। इसी दौरान जनवरी 2022 में आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा (Ambedkar University Agra) के कुलपति का चार्ज प्रो विनय पाठक (Vinay Pathak) को मिला तो उन्होंने बिल पास करने के एवज में कमीशन की मांग की। इस मामले में एसटीएफ (STF)  ने अभी तक तीन आरोपियों अजय मिश्रा, अजय जैन और संतोष सिंह को गिरफ्तार किया है। इसके बाद योगी सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई (CBI )  से करवाने की सिफारिश की और 6 जनवरी को एजेंसी ने दिल्ली में विनय पाठक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की।

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