आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। देश के कई हिस्सों ने बीते दिनों में ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आईं हैं जो दिल दहला देने वाली है। आवारा कुत्ते मासूम बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं। यही नहीं कई मासूम बच्चों की इन कुत्तों ने जान भी ले ली है। घटना की वीडियो वायरल होने के बाद जिम्मेदार कार्रवाई करने की बात कहते हैं लेकिन समय गुजरते ही वो खामोश हो जाते हैं।
Viral Video: आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। देश के कई हिस्सों ने बीते दिनों में ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आईं हैं जो दिल दहला देने वाली है। आवारा कुत्ते मासूम बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं। यही नहीं कई मासूम बच्चों की इन कुत्तों ने जान भी ले ली है। घटना की वीडियो वायरल होने के बाद जिम्मेदार कार्रवाई करने की बात कहते हैं लेकिन समय गुजरते ही वो खामोश हो जाते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आवारा कुत्ते यूं ही मासूम बच्चों को अपना शिकार बनाते रहेंगे या फिर जिम्मेदार इनको पकड़ने के लिए कोई अभियान चलायेंगे।
अभी हाल के दिनों में यूपी, हैदराबाद समेत अन्य राज्यों से दिल दहला देने वाली वीडियो और फोटों आईं थीं, जिसमें आवारा कुत्तों का आतंक साफ देखा जा सकता है। यही नहीं लखनऊ में तो एक पालतू कुत्ते ने अपनी मालिकन को ही शिकार बना लिया। वहीं, बीते दिनों हैदराबाद की एक वीडियो सामने आई थी, यहां आवारा कुत्तों ने सड़क पर जा रहे 4 साल के मासूम बच्चे को नोंच खाया। 6 कुत्तों का झुंड मासूम को तब तक नोचता रहा, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। बाद में कुत्ते उसे घसीटकर पास खड़ी कार के नीचे ले गए थे। इस घटना वीडियो देखकर हर किसी का दिल दहला गया था।
घटना के बाद सिर्फ कागजी कार्रवाई
हाल के दिनों में इस आवारा कुत्तों में कई मासूम बच्चों को अपना शिकार बनाया है। ऐसा नहीं की ये सिर्फ एक ही प्रदेश में हो, हर जगह इनका आतंक बढ़ता जा रहा है और ये मासूम बच्चों के साथ बड़ों को भी अपना निशाना बना रहे हैं। लेकिन नगर निगम समेत अन्य विभाग इनको पकड़ने के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई के नाम पर लूट मचाए हुए हैं।
आखिर कहां जाते हैं अरबों रुपये?
आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अरबों रुपये खर्च कर रही है लेकिन ये सिर्फ कागाजों में दिख रहा है। जिसका परिणाम हमारे मासूम बच्चे और उनके मां-बाप झेल रहे हैं, जिसकी किसी को भी चिंता नहीं है। देशभर में सारे महानगर पालिका को कुत्तों को पकड़ने और उनको सुधारने के बाद उन्हें छोड़नें का काम करते हैं। कई बार कुत्ते भोजन नहीं मिलने के कारण हिंसक हो जाते हैं और मासूम बच्चों को अपना शिकार बना लेते हैं। इसको लेकर देशभर में सरकार अरबों रुपये खर्च करती है लेकिन इसको करने का काम मेयर, नगर आयुक्त, कमीश्नर, नगर विकास आयुक्त के चेहते करते हैं लेकिन वो भी सिर्फ कागाजों में। ऐसे में इस भ्रष्टाचार पर कैसे लगाम लगेगा और मासूम को इन आवारा कुत्तों से कैसे बचाया जा सकेगा।