केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को चर्चा और पारित कराने के लिए पेश किया। इस विधेयक को लेकर विपक्षी दल के नेता केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। लोकसभा में बोलते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कई सवाल उठाए।
Waqf Bill: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को चर्चा और पारित कराने के लिए पेश किया। इस विधेयक को लेकर विपक्षी दल के नेता केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। लोकसभा में बोलते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, वक्फ बिल कोई उम्मीद लेकर नहीं आ रहा, यह सोची समझी रणनीत का हिस्सा है। समाजवादी पार्टी इस बिल का विरोध करती है और वोट पड़ेगा तो हम इसके खिलाफ वोट डालने जा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, यह वक्फ बिल जो लाया जा रहा है ये अपने वोट बैंक को संभालने के लिए और समाज को बाटने के लिए है। जो इससे पहले फैसले लिए सरकार ने क्या उससे देश और प्रदेश में बड़ा बदलाव आ गया? वक्फ की जमीन से बड़ा मुद्दा वह जमीन है जिस पर चीन ने अपने गांव बसा लिए हैं।
"वक्फ बिल कोई उम्मीद लेकर नहीं आ रहा, यह सोची समझी रणनीत का हिस्सा है। समाजवादी पार्टी इस बिल का विरोध करती है और वोट पड़ेगा तो हम इसके खिलाफ वोट डालने जा रहे हैं।"
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/fCpXV63BEf
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 2, 2025
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इसके साथ ही, लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि वक्फ बिल नाकामी पर पर्दा है। भाजपा सरकार हर मोर्चे पर नाकाम है। रातोंरात नोटबंदी का फैसला लिया। नोटबंदी की नाकामी पर भी चर्चा जरूरी है। अखिलेश यादव ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और किसान की आय दोगुनी नहीं कर पाए, उस पर भी चर्चा होनी चाहिए।
भाजपा को घेरा तो अमित शाह ने दिया जवाब
समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, “…खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली पार्टी अभी तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाई है।” इस पर जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मेरे सामने जितनी भी पार्टियां हैं, उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कुछ परिवार के लोग ही करेंगे। हमें 12-13 करोड़ सदस्यों में से प्रक्रिया के बाद चुनना है। इसलिए इसमें समय लगता है। आपके मामले में इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। मैं कह रहा हूं कि आप 25 साल तक अध्यक्ष बने रहेंगे…”