HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. Maha Kumbh 2025
  3. Mahakumbh 2025: कुंभ में क्या होता है अखाड़े, जानें इसके प्रकार और कैसे और किसने की थी इसकी शुरुआत

Mahakumbh 2025: कुंभ में क्या होता है अखाड़े, जानें इसके प्रकार और कैसे और किसने की थी इसकी शुरुआत

जब कुंभ का जिक्र होता है तो आपने कहीं न कहीं और कभी न कभी अखाड़े का नाम सुना, देखा और पढ़ा जरुर होगा। महाकुंभ में अखाड़े बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। वे न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करते है बल्कि समाज सेवा के कार्यों में भी लगे रहते है।

By प्रिन्सी साहू 
Updated Date

जब कुंभ का जिक्र होता है तो आपने कहीं न कहीं और कभी न कभी अखाड़े का नाम सुना, देखा और पढ़ा जरुर होगा। महाकुंभ में अखाड़े बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। वे न केवल धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करते है बल्कि समाज सेवा के कार्यों में भी लगे रहते है। महाकुंभ के दौरान अखाड़े के साधु संगठित होकर स्नान करते है और धार्मिक अनुष्ठान करते है। पर क्या आप जानते है आखिर क्या होता है अखाड़े, किसने और कब की थी इसकी शुरुआत?

पढ़ें :- Mahakumbh 2025: हर 12 साल में ही क्यो होता है महाकुंभ, कैसे हुई इसकी शुरुआत, क्या है इसके पीछे की कहानी

What is Akhara in Maha Kumbh

आज इस लेख के माध्यम से हम आपके अखाड़े के बारे में बताने जा रहे है। महाकुंभ में साधुओं के जत्थे जरुर देखे होंगे। साधुओं के इन जत्थों को ही अखाड़े कहते है। दरअसल अखाड़ा साधुओं के संगठन को कहा जाता है।

What is Akhara in Maha Kumbh

ऐसे हुई अखाड़ों की शुरुआत

पढ़ें :- Jhansi Railway Station Stampede: झांसी रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ जाने वाले यात्रियों में मची भगदड़; कई लोग चलती ट्रेन से गिरे

हिंदू मान्यताओं के अनुसार आदि शंकराचार्य ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए कई संगठन बनाए थे। इन्हीं संगठनों को अखाड़े के नाम से जाना जाता है। अखाड़े का अर्थ होता है कुश्ती का मैदान। लेकिन धीरे धीरे इसका अर्थ साधुओं के संगठन के लिए होने लगा। भारत में अखाड़ों की संख्या 13 है, जिन्हें मुख्य रुप से तीन संप्रदायों में बांटा जा सकता है। शैव संप्रदाय, वैष्णव संप्रदाय, उदासीन संप्रदाय।

What is Akhara in Maha Kumbh

वैष्णव संप्रदाय अखाड़ा भगवान विष्णु को मानता है अपना आराध्य देव

शैव संप्रदाय अखाड़े भगवान शिव को अपना आराध्य देव मानते है। भारत में कुल सात अखाड़े शैव सप्रदाय से जुड़े हुए है। वैष्णव संप्रदाय अखाड़े भगवान विष्णु को अपना आराध्य देव मानते है। भारत में कुल तीन अखाड़े वैष्णव संप्रदाय से जुड़े हुए है। वहीं उदासीन संप्रदाय अखाड़ा किसी विशेष देवता की पूजा नहीं करते है, बल्कि सभी देवताओं को समान रुप से मानते है। भारत में कुल तीन अखाड़े उदासीन संप्रदाय से जुड़े हुए है।

पढ़ें :- लॉरेन पॉवेल से 'कमला' हो गईं Steve Jobs की पत्नी, संतों ने दिया अच्युत-गोत्र
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...