मौजूदा समय तकनीक का तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन भारतीय घरों में आप आज भी कई ऐसी चीजें पा जाएंगे, जिनका इस्तेमाल दशकों पहले किया जाता था। उनमें आमतौर पर आपको लकड़ी के देसी सॉकेट बोर्ड (Wooden Socket Board) देखने को मिल जाएगा। वैसे तो ये बोर्ड लकड़ी के बनें होते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल करना खतरे से खाली नहीं।
Wooden Socket Board Tips: मौजूदा समय तकनीक का तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन भारतीय घरों में आप आज भी कई ऐसी चीजें पा जाएंगे, जिनका इस्तेमाल दशकों पहले किया जाता था। उनमें आमतौर पर आपको लकड़ी के देसी सॉकेट बोर्ड (Wooden Socket Board) देखने को मिल जाएगा। वैसे तो ये बोर्ड लकड़ी के बनें होते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल करना खतरे से खाली नहीं।
दरअसल, लकड़ी के बने ये देसी सॉकेट बोर्ड बारिश के मौसम में पानी या सीलन से नमी (Moisture) पकड़ लें, तो इनमें भी उतनी ही तेजी से बिजली का दौड़ सकती है, जितना की किसी आम बिजली के तार में दौड़ती है। वहीं, अगर इन बोर्ड में स्पार्किंग होती है तो बोर्ड में आग लगने का भी खतरा रहता है। ऐसे में लकड़ी के बने बोर्ड की तुलना में प्लास्टिक मटीरियल वाले सॉकेट बोर्ड (Plastic Socket Board) काफी में प्रचलन है, जिनमें स्पार्किंग से आग लगने का खतरा नहीं रहता।
इसके अलावा प्लास्टिक में विद्युत प्रवाहित नहीं हो सकती, इसलिए ये गलती से भीग भी जाए तो इनमें बिजली नहीं उतरती, साथ ही प्लास्टिक के बोर्ड सीलन भी नहीं पकड़ते। आप इन्हें सस्ती कीमतों में खरीद सकते हैं।