लखनऊ। बुलंदशहर में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की जान चली गयी, जबकि 16 लोग बीमार हो गए। वहीं, इस घटना के बाद यूपी की योगी सरकार ने नई अबकारी नीति पर मुहर लगा दी। इस नई नीति में सरकार ने राजस्व बढ़ाने व शराब की गुणवता सुधारने पर जोर दिया है।
2021-2022 सत्र के नई नीति में अबकारी विभाग ने फुटकर दुकानों मे पीओएस मशीनें लगाना, शराब उत्पादन को बढावा देना, निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा रखने के लिए विशेष लाइसेंस, हवाई अड्डो पर प्रीमियम रिटेल ब्रांड की उपलब्धता, देशी मदिरा के अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य में वृद्धि ना होने जैसी मुख्य बातों पर विशेष ध्यान दिया है।
वर्ष 2020-2021 के अनुमानित 28,340 करोड़ रुपये के राजस्व की तुलना में 2021-2022 में 34,500 करोड़ रूपयें सम्भावित है। बयान में कहा गया है की नशा के दुष्प्रभावों एवं संयमित मदिरा के सेवन के संबंध में आम जनता को जानकारी दिये जाने और जागरूकता लाये जाने हेतु विशेष प्रचार अभियान चलाया जाएगा।
व्यक्तिगत प्रयोग के लिए लेना होगा होम लाइसेंस
व्यक्तिगत प्रयोग के लिए निर्धारित फुटकर सीमा 16 बोतल से अधिक शराब या बीयर अपने पास रखने के लिए अब वैयक्तिक होम लाइसेंस लेना होगा। निजी प्रयोग हेतु व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा 16 बोतल से अधिक मदिरा क्रय, परिवहन एवं निजी कब्जे में निर्धारित शर्तो के अधीन रखने के लिए हर साल 12,000 रूपये की लाइसेंस फीस एवं प्रतिभूति धनराशि 51,000 जमा करनी होगी। यह सारे प्रावधान उ.प्र.सरकार की आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए घोषित नयी आबकारी नीति में किये गये हैं। इस नीति को शुक्रवार को कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन अपनी मंजूरी दी है। इस नयी नीति में देसी व अंग्रेजी शराब की लाइसेंस फीस में 7.5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गयी है। जबकि बीयर की फुटकर दुकानों की लाइसेंस फीस नहीं बढ़ायी गयी है।