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कोविड पर सख्त योगी सरकार : यूपी के अस्पतालों में मास्क अनिवार्य, बरतें सतर्कता व सावधानी,गाइडलाइन जारी

देश में बढ़ते कोरोना के नए मामलों के बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बुधवार को राज्य स्तरीय कोविड सलाहकार समिति (Covid Advisory Committee) और उच्चस्तरीय टीम-9 (High Level Team-9) के साथ प्रदेश की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने जनहित में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। देश में बढ़ते कोरोना के नए मामलों के बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बुधवार को राज्य स्तरीय कोविड सलाहकार समिति (Covid Advisory Committee) और उच्चस्तरीय टीम-9 (High Level Team-9) के साथ प्रदेश की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने जनहित में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

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कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाना जरूरी

बता दें कि बीते कुछ समय से देश के विभिन्न राज्यों में कोविड के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। वर्तमान में देश में 38 हजार से अधिक एक्टिव केस हैं, हालांकि उत्तर प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। यहां न केवल पॉजिटिविटी दर कम है, बल्कि जो कोविड पॉजिटिव (Covid Positive) मरीज मिल रहे हैं, उनकी स्थिति भी सामान्य है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति घबराने की नहीं सतर्क और सावधान रहने की है।

Covid 19 letter

हर जिले में तत्काल क्रियाशील हो डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल, एक्टिव करें आईसीसीसी

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वर्तमान में प्रदेश में 1791 एक्टिव केस हैं और अप्रैल माह में अब तक पॉजिटिविटी दर 0.65 फीसदी रही है। पिछले अनुभवों को दृष्टिगत रखते हुए यह आवश्यक होगा कि हम हर स्तर पर सतर्क रहें। हमें अलर्ट मोड में रहना होगा। लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, वाराणसी, आगरा और मेरठ जनपद में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। कोविड के हर संदिग्ध मरीज को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाए। स्थानीय जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए सभी जिलों में डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल तत्काल क्रियाशील कर दिया जाए।

कोविड से बचाव के लिए बढाएं जागरूकता, भीड़भाड़ से बचें बुजुर्ग, बच्चे और बीमार लोग

उत्तर प्रदेश कोविड टीकाकवर (Uttar Pradesh Covid Vaccine Cover) से सुरक्षित है। सर्वाधिक टीकाकरण उत्तर प्रदेश में हुआ है। राज्य स्तरीय कोविड सलाहकार समिति (Covid Advisory Committee)  की रिपोर्ट बताती है कि कोविड को लेकर प्रदेश में किसी बड़े खतरे की आशंका न्यून है, लेकिन हमें कोविड अनुकूल व्यवहार को अपनाना चाहिए। गंभीर रोग से ग्रस्त, वृद्धजन भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में आवागमन से यथासंभव बचने का प्रयास करें। यदि जाएं तो मास्क लगाकर ही जाएं। इस संबंध में लोगों को जागरूक किया जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम (Public Address System)  के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए। अस्पतालों के बाहर भी पब्लिक एड्रेस सिस्टम (Public Address System) से जागरूकता प्रसार करें। अस्पतालों में मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।

मतदान कार्मिकों को उपलब्ध कराई जाए कोविड सुरक्षा किट

प्रदेश में नगर निकाय चुनाव (Municipal Elections) की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। चुनाव प्रचार और मतदान के बीच संक्रमण प्रसार की आशंका भी है। ऐसे में हर मतदाता की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित हो और वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके, इसके लिए मुख्य सचिव स्तर से राज्य निर्वाचन आयोग से संवाद स्थापित करते हुए आवश्यक उपाय किए जाएं। आवश्यकतानुसार मतदान कार्मिकों को कोविड सुरक्षा किट भी उपलब्ध कराया जाए।

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कोविड से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश में सभी जरूरी लॉजिस्टिक उपलब्ध हैं। विगत वर्ष स्थापित सभी ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हों। अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों को उपलब्ध कराए गए वेंटिलेटर एक्टिव हों। पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती हो। जहां वेंटिलेटर हो वहां एनेस्थेटिक की तैनाती जरूर की जाए। विगत दिवस आयोजित प्रदेशव्यापी मॉक ड्रिल में जहां भी जिस भी तरह की कमी पाई गई हो, उसे तत्काल ठीक किया जाए। सभी 75 जनपदों में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम हों। इंटीग्रेटेड कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को तत्काल एक्टिव करें।

प्रदेश में जारी गेहूं खरीद प्रक्रिया के तहत अब तक 19 हजार मीट्रिक टन गेहूं क्रय किया जा चुका है। खरीद के बाद किसानों को भुगतान में कतई देरी न हो। तय समय के भीतर किसानों के बैंक खाते में गेहूं मूल्य का भुगतान कर दिया जाए। क्रय केंद्रों पर किसानों की जरूरतों का भी ध्यान रखें। स्वामित्व, घरौनी और वरासत जैसे कार्यक्रमों ने आमजनमानस को बड़ी सुविधा प्रदान करने में सफलता प्राप्त की है। इनकी अद्यतन स्थिति की समीक्षा की जाए। अब तक 60 लाख से अधिक ग्रामीणों को घरौनी प्रदान की जा चुकी है। ड्रोन सर्वेक्षण (Drone Survey) के कार्य भी पूरा हो चुका है। हमारा लक्ष्य हो कि इस वर्ष के अंत तक सभी पात्र ग्रामीणों को उनके घरों का मालिकाना हक देने वाला प्रमाण पत्र “घरौनी” मिल जाए।

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