यूपी के कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है। इसके बीच योगी सरकार (Yogi government) ने राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी तरह की जान-माल की क्षति को रोकने के लिए युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार व्यापक इंतजाम कर रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों (Flood Affected Areas) के लोगों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित करने के साथ ही सूखा राशन उपलब्ध कराने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
लखनऊ। यूपी के कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है। इसके बीच योगी सरकार (Yogi government) ने राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी तरह की जान-माल की क्षति को रोकने के लिए युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार व्यापक इंतजाम कर रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों (Flood Affected Areas) के लोगों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित करने के साथ ही सूखा राशन उपलब्ध कराने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल (covid-19 protocol) के अनुपालन में 951 बाढ़ आश्रय गृह स्थापित किए गए हैं। बाढ़ राहत शिविरों में पीने का पानी, शौचालय, कपड़े, बर्तन और बिस्तर सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के निर्देश पर सरकार की ओर से पिछले 24 घंटे में 70050 लंच पैकेट और 9506 से अधिक सूखे राशन के पैकेट बाढ़ प्रभावित लोगों को बांटे जा चुके हैं।
भारी बारिश के कारण राज्य के 23 से अधिक जिलों के 1243 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। तो वहीं गंगा, यमुना, बेतवा, शारदा, कुवानो और चंबल नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बढ़ गया है। इन जिलों में राहत और बचाव कार्य के लिए पीएसी के साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। 39 जिलों में पीएसी को राहत और बचाव की कमान सौंपी गई है, जबकि 11 जिलों में एसडीआरएफ और 9 जिलों में एनडीआरएफ को तैनात किया गया है।
राज्य सरकार (State government) ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के लिए 1992 नौकाओं को तैनात किया है, जबकि राज्य में 1228 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 564 चिकित्सा दल गठित किए गए हैं। जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में लगे हुए हैं।
जल शक्ति मंत्री को स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ बाढ़ की स्थिति और राहत एवं बचाव कार्य की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है। चंबल और यमुना जिलों के आसपास के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया जा रहा है। सरकार द्वारा अब तक 20768 से अधिक सूखे राशन किट वितरित किए गए हैं, जबकि पिछले 24 घंटों में 9506 लोगों को सूखा राशन किट वितरित किया गया है। राज्य सरकार (State government) अब तक प्रभावित लोगों को 167213 लंच पैकेट बांट चुकी है। पिछले 24 घंटे में ही 70050 लंच पैकेट बांटे जा चुके हैं।
असहाय जानवरों की रक्षा कर रही है सरकार
राज्य सरकार लोगों को बचाने के साथ-साथ मासूम जानवरों को भी बचाने का काम कर रही है। पिछले 24 घंटों में 36 पशु शिविर स्थापित किए गए हैं, जबकि अब तक सरकार ने राज्य में 504 से अधिक पशु राहत शिविर स्थापित किए हैं। इसके अलावा, कुल 277075 पशुओं को पैर और मुंह की बीमारियों के खिलाफ टीका लगाया गया है।
NDRF और SDRF ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 536 लोगों को बचाया
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 536 लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया है। राज्य के 9 जिलों में NDRF की टीमों को तैनात किया गया है।
NDRF की 10 टीमों को राज्य के 9 जिलों में किया तैनात
इटावा, जालौन, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर, लखनऊ, बलिया और वाराणसी में तैनात किया गया है। जबकि एसडीआरएफ की 12 टीमों को इटावा, जालौन, बरेली, बिजनौर, लखनऊ, बलरामपुर, प्रयागराज, आगरा, गोरखपुर, अयोध्या, बलिया और कुशीनगर में तैनात किया गया है.इसी तरह सीतापुर, प्रयागराज, बरेली, आगरा, आजमगढ़, मुरादाबाद, गोरखपुर, गोंडा, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, गाजियाबाद, एटा और मेरठ समेत
राज्य के 14 जिलों में पीएसी की 17 टीमें तैनात की गई हैं। वायुसेना के हेलीकॉप्टर बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री बांट रहे हैं। चंबल और यमुना नदी में आई बाढ़ से जालौन की माधोगढ़ तहसील और कालपी के 5 गांवों के बीच संपर्क टूट गया है। वायु सेना के 2 हेलीकॉप्टरों की मदद से इन गांवों में परिवारों को राहत सामग्री वितरित की गई।
बाढ़ प्रभावित गांवों में बनी कमेटियां, हर गांव को दिया wireless set
सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित गांवों में बचाव एवं राहत कार्यों के लिए ग्राम स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। इन ग्राम स्तरीय समितियों और नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए रखने के लिए प्रत्येक गांव में एक-एक वायरलेस सेट वाले पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।