एक आम आदमी जो कभी स्कूटर मैकेनिक था उसे योगी आदित्यनाथ सरकार 2 में मंत्री बनाया गया है। एक साधारण कार्यकर्ता के तौर पर भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सीतापुर के नवर्निवाचित विधायक राकेश राठौर गुरु को यूपी में दोबारा बनी भाजपा की सरकार में मंत्री पद मिला है।
सीतापुर। एक आम आदमी जो कभी स्कूटर मैकेनिक था उसे योगी आदित्यनाथ सरकार 2 में मंत्री बनाया गया है। एक साधारण कार्यकर्ता के तौर पर भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सीतापुर के नवर्निवाचित विधायक राकेश राठौर गुरु को यूपी में दोबारा बनी भाजपा की सरकार में मंत्री पद मिला है। सहनशीलता, संवेदना और संघर्षों के दौर में भी समाजसेवा के लिए अडिग रहने वाले राकेश को उनके परिश्रम का परिणाम आखिरकार मिल ही गया। करीब सात साल पहले राकेश राठौर गुरु की शहर में जीआईसी चौराहा के पास गुरु ऑटोमोबाइल्स एंड रिपेयरिंग नाम से वर्कशॉप था।
कड़ी मेहनत से कुछ पूंजी जमा करने के बाद इन्होंने अपने करोबार को बढ़ाया और पास में ही गुरु बैटरीज नाम से बैटरी का व्यवसाय शुरू किया। यह दुकान मौजूदा समय में भी है। जबकि गुरु ऑटोमोबाइल्स लगभग बंद हो चुका है। इनके परिवार की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। हालांकि भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में इनकी छवि शुरू से ही रही है। राकेश राठौर किशोरावस्था से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े थे। वर्ष 2017 में सीतापुर में भाजपा की सदर सीट से विधायक बनने वाले राकेश राठौर विधायक और राकेश राठौर गुरु का नाम एक जैसा ही है।
फर्क सिर्फ नाम के पीछे गुरु लगा होने का है। पिछले विधानसभा चुनाव में गुरु ने भाजपा कार्यकर्ता होने के नाते अपने नामराशि राकेश राठौर का पूर्ण समर्थन किया था। चुनाव में दोनों कंधे से कंधा मिलाए थे। राकेश चुनाव जीते थे। इस बार वह भाजपा से बगावत करके सपा में शामिल हो गए। हालांकि सपा से टिकट न मिलने के कारण वह चुनाव नहीं लड़े। राकेश राठौर गुरु ने सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में सालों साल अपना समय व्यतीत किया। साथ ही इन्होंने स्कूटर मैकेनिक का भी काम जारी रखा। स्कूटर मैकेनिकी में अच्छी जानकारी होने के चलते दूसरे मैकेनिक इन्हें गुरु के नाम से बुलाते थे, इसलिए इनका पूरा नाम राकेश राठौर गुरु पड़ गया।
2022 विधानसभा चुनाव से पूर्व इनके जीवन में नया मोड़ आया, जब 2017 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े राकेश राठौर ने पार्टी से बगावत करते हुए सपा का दामन थाम लिया। अब पार्टी को एक ऐसे चेहरे की तलाश थी जो पूर्व विधायक राकेश राठौर की जगह ले सके। ऐसे में पार्टी आलाकमान ने ओबीसी ‘र’ नाम के फैक्टर का कार्ड खेला और समर्पित कार्यकर्ता राकेश राठौर गुरु पर अपना दांव लगाया। लेकिन इन्होंने पार्टी को निराश नहीं होने दिया। राकेश राठौर गुरु ने भाजपा के टिकट पर सदर सीट से चुनाव लड़ा। इस बीच पार्टी को विरोध का भी सामना करना पड़ा। नए चेहरे को टिकट देने से कार्यकर्ताओं में मायूसी थी।
सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से कार्यकर्ताओं ने विरोध भी जताया। लेकिन इन सभी बाधाओं को पार कर सभी का विश्वास हासिल कर राकेश राठौर ने अपनी सीट से जीत हासिल की। राकेश राठौर गुरु का नाम राज्यमंत्री पद की लिस्ट में आने े बाद परिवार समेत पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गयी। हालांकि राकेश ने अपनी सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को देते हुए कहा कि भाजपा के प्रति उनके लगाव और समर्पण ने आज उन्हें यह मुकाम दिलाया है। वह अपनी इस सफलता के पीछे मोदी और योगी मंत्र को सर्वोपरि बताते हैं।