सितंबर माह में ऐश्वर्य के स्वामी शुक्र ग्रह की चाल बदल रही है।शुक्र ग्रह आकर्षण, ऐश्वर्य, सौभाग्य, धन, प्रेम और वैभव के कारक हैं। शुक्र बलवान होने पर सुंदर शरीर, मुख, नेत्र, पढ़ने-लिखने का शौकीन, कफ वायु प्रकृति प्रधान होता है।कुण्डली में शुक्र अधिकतर लाभदायी ग्रह माना जाता है।
राशि परिवर्तन: सितंबर माह में ऐश्वर्य के स्वामी शुक्र ग्रह की चाल बदल रही है।शुक्र ग्रह आकर्षण, ऐश्वर्य, सौभाग्य, धन, प्रेम और वैभव के कारक हैं। शुक्र बलवान होने पर सुंदर शरीर, मुख, नेत्र, पढ़ने-लिखने का शौकीन, कफ वायु प्रकृति प्रधान होता है। कुण्डली में शुक्र अधिकतर लाभदायी ग्रह माना जाता है। शुक्र हिन्दू कैलेण्डर के माह ज्येष्ठ का स्वामी भी माना गया है। यह कुबेर के खजाने का रक्षक माना गया है। शुक्र के प्रिय वस्तुओं में श्वेत वर्ण, धातुओं में रजत एवं रत्नों में हीरा है। इसकी प्रिय दशा दक्षिण-पूर्व है, ऋतुओं में वसंत ऋतु तथा तत्त्व जल है।
5 सितंबर की रात शुक्र ग्रह (Venus zodiac change) कन्या राशि से निकलकर स्वयं की राशि तुला में प्रवेश करेगा। इस राशि में ये ग्रह 2 अक्टूबर तक रहेगा। जिन जातकों की जन्मकुंडली में ये ग्रह अशुभ भाव में रहेंगे उनके लिए कम फलदाई रहेंगे, वहीं कुछ राशि वालों शुभ फल भी प्रदान करेंगे। शुक्र विलासितापूर्ण जीवन, ऐश्वर्य, जैविक संरचना, फिल्म उद्योग, भारी उद्योग कॉस्मेटिक, केंद्र अथवा राज्य सरकार के विभागों में उच्चपद दिलाने वाले ग्रह हैं। ये वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं।
शुक्र ग्रह का मंत्र
मंत्र: ॐ शुं शुक्राय नम:॥