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अस्पताल में आग लगने से 10 नवजात की दर्दनाक मौत, पीएम मोदी ने जताया शोक, राहुल ने की उद्धव सरकार से अपील

By टीम पर्दाफाश 
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मुंबई: महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात विशेष नवजात देखरेख इकाई में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। एक डॉक्टर ने बताया कि नवजात बच्चों की उम्र एक महीने से तीन महीने के बीच थी। इस दुखद त्रासदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘महाराष्ट्र के भंडारा में दिल दहला देने वाली घटना हुई है, जिसमें हमने कीमती युवा जीवन खो दिया है। सभी शोक संतप्त परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। मुझे उम्मीद है कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएंगे।’

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अमित शाह ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में लगी आग दुर्घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। भगवान उन्हें इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति दें।’ वहीं, राहुल गांधी ने भी इस घटना पर शोक संवेदना प्रकट की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘अस्पताल में आग लगने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना बेहद दुखद है। उन बच्चों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना, जिन्होंने अपनी जान गंवाई। मैं महाराष्ट्र सरकार से अपील करता हूं कि वे घायलों और मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करें।’

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जिला अस्पताल में आग लगने की घटना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के साथ-साथ भंडारा के जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से बात की। उन्होंने जांच का भी आदेश दिया है। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने ऐलान किया कि सरकार की तरफ से मृतक बच्चों के परिवार को 5-5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।

जिला सिविल सर्जन प्रमोद खंडाते ने बताया कि भंडारा जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात एक बजकर 30 मिनट के आसपास आग लग गयी। इकाई में 17 बच्चे थे, जिनमें से सात को बचा लिया गया। उन्होंने बताया कि सबसे पहले एक नर्स ने अस्पताल के शिशु देखभाल विभाग से धुआं उठते देखा, जिसके बाद डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को जानकारी मिली और वे पांच मिनट के भीतर यहां पहुंच गए। उन्होंने बताया कि इकाई के ‘इनबाउंड वार्ड से सात बच्चों को दमकल कर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया लेकिन 10 बच्चों को बचाया नहीं जा सका।

खंडाते ने बताया कि बच्चों को जिस वार्ड में रखा जाता है, वहां लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जरूरत होती है। उन्होंने बताया, ”वहां आग बुझाने वाले उपकरण थे और कर्मियों ने उनसे आग बुझाने की कोशिश की। वहां काफी धुआं हो रहा था।” उन्होंने बताया कि आग का शिकार होने वाले बच्चों के माता-पिता को इसकी जानकारी दे दी गई है और बचाए गए सात बच्चों को दूसरे वार्ड में भेज दिया गया है। आईसीयू वार्ड, डायलिसिस और लेबर वार्ड से रोगियों को सुरक्षित दूसरे वार्ड में भेज दिया गया है। अभी तक आग लगने के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन शॉर्ट सर्किट होने का संदेह है।

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