उत्तर प्रदेश के नोएडा में रहने वाले एक व्यापारी से साइबर ठगो ने खुद को आर्मी ऑफिसर बताकर अपने जाल में फंसा लिया। इसके बाद ठगो ने व्यापारी को एक लिंक भेजा। व्यापरी उनकी बातो में आ गया और भेजे गये लिंक को अपने मोबाइल पर ओपन कर दिया। जैसे ही लिंक पर क्लिक हुआ उसके तुरंत बाद व्यापारी के बैंक खाते से 5 लाख 64 हजार रुपये निकल गये।
उत्तर प्रदेश के नोएडा में रहने वाले एक व्यापारी से साइबर ठगो ने खुद को आर्मी ऑफिसर बताकर अपने जाल में फंसा लिया। इसके बाद ठगो ने व्यापारी को एक लिंक भेजा। व्यापरी उनकी बातो में आ गया और भेजे गये लिंक को अपने मोबाइल पर ओपन कर दिया। जैसे ही लिंक पर क्लिक हुआ उसके तुरंत बाद व्यापारी के बैंक खाते से 5 लाख 64 हजार रुपये निकल गये। रुपये कटने के मैसेज आने पर पीड़ित व्यापारी को अपने साथ हुई ठगी की जानकारी हुई। पीड़ित ने इस संबंध में नोएडा साइबर क्राइम थाने में शिकायत की है।
जस्ट डायल पर दिया था विज्ञापन
जानकारी के अुनसार नोएडा सेक्टर-121 स्थित क्लियो काउंटी सोसायटी में रहने वाले देवेन्द्र आहुजा कॉफी पाउडर और कॉफी मशीन बनाने का कारोबार करते है। बताया गया है कि कुछ दिनो पहले उन्होने अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए ऑनलाईन जस्ट डायल पर अपना विज्ञापन दिया था। इसके कुछ दिनो बाद एक व्यक्ति ने उनसे फोन पर संपर्क किया। फोन करने वाले ने खुद को आर्मी में अधिकारी बताया और अपना फर्जी आई कार्ड भी उनके पास भेजा, ताकि उन्हे भरोसा दिला सके। पीड़ित कारोबारी ठग के झांसे में आ गये। इसके बाद दोनो के बीच व्यापार को लेकर बात हुई और सौदा तय हो गया।
फोन हैक करके निकाले रुपये
सौदा होने के बाद आरोपी ठग ने उन्हे ऑनलाइन पेमेंट देने की बात कही। इसके लिये आरोपी ने उनके पास एक लिंक भेजा और कहा कि इस लिंक पर क्लिक करके दस रुपये भेज दो, ताकि खाता चेक हो जाये। पीड़ित व्यापारी ने लिंक को ओपन किया तो उनका मोबाइल फोन हैक हो गया और कुछ ही देर में उनके बैंक खाते से 5 लाख 64 हजार रुपये निकल गये। जिसके बाद आरोपी ने अपना नंबर बंद कर लिया। रुपये कटने के मैसेज देख व्यापारी को ठगी की जानकारी हुई। पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बच सकते है
ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने के लिए सतर्कता और जागरूकता ही सबसे पहली और सबसे मजबूत सुरक्षा दीवार है।
1 किसी को भी अपना डेबिट, क्रेडिट कार्ड का 16 अंकों वाला नंबर, कार्ड का सीवीवी नंबर न बताएं।
2 डेबिट, क्रेडिट से जुड़ा पिन नंबर किसी से भी साझा मत कीजिए। अपनी यूपीआई आईडी, यूपीआई पिन, आपके रजिस्टर्ड नंबर पर आए ओटीपी को किसी से साझा मत कीजिए।
3 बिना वेरिफाई किए किसी ऑफर के लिंक को एक्सेस मत कीजिए। फोन पर आने वाली फर्जी कॉल्स से सतर्क रहें।
4 अपने मोबाइल में इन्सटॉल्ड बैंकिंग एप्लीकेशन को इस्तेमाल करके तुरंत बंद कर दें। उसे लॉगिन नहीं रहने दे।
5 गूगल सर्च से बैंक या किसी अन्य वित्तीय संस्थान का कस्टमर केयर नंबर सर्च करने से बचें।
6 बैंक, पॉलिसी या अन्य संबंधी सेवाओं के लिए यदि कोई अंजान फोन आए, तो जानकारी साझा करने से पहले अपने बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान में इसकी पुष्टि कर लें।
7 किसी भी अन्जान व्यक्ति द्वारा भेजे गये लिंक को बिना वेरिफाई करे ऑपन नही करें।