HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. ख़बरें जरा हटके
  3. ऐसी महिला जासूस जो किसी की भी खोल देती थी सारी पोल-पट्टी, माता हारी पहले विश्व युद्ध के बाद बनी जासूस

ऐसी महिला जासूस जो किसी की भी खोल देती थी सारी पोल-पट्टी, माता हारी पहले विश्व युद्ध के बाद बनी जासूस

माता हारी नाम अनोखा है लेकिन इस नाम वाले शख्स के काम और भी ज्यादा अनोखे व क्रांतिकारी थे। आज हम एक ऐसी महिला के बारे में बात करने वाले हैं जिसने एक बार पूरे यूरोप को अपनी उंगली में नचा दिया था। इसे कुछ लोग हिटलर की जासूस कहते हैं तो कुछ लोग सबसे सुंदर नृत्यांगना।

By आराधना शर्मा 
Updated Date

नई दिल्ली: माता हारी नाम अनोखा है लेकिन इस नाम वाले शख्स के काम और भी ज्यादा अनोखे व क्रांतिकारी थे। आज हम एक ऐसी महिला के बारे में बात करने वाले हैं जिसने एक बार पूरे यूरोप को अपनी उंगली में नचा दिया था। इसे कुछ लोग हिटलर की जासूस कहते हैं तो कुछ लोग सबसे सुंदर नृत्यांगना।

पढ़ें :- अमृतसरी बड़ी खाने के हैं शौंकीन तो इस Viral Video में बनने का तरीका देखने के बाद कर देंगे उल्टी

लेकिन जिस पर हर कोई एकमत होता है वह है सबसे खतरनाक जासूस। माता हारी अब तक की दुनिया की सबसे खतरनाक जासूसों में से एक मानी जाती हैं। एक बार जिसके पीछे पड़ जाती ती तो उसकी सारी पोल-पट्टी खोल देती थी। माता हारी का जन्म 1876 में नीदरलैंड में हुआ था। बचपन में लोग इन्हें मार्गेटा ट्सेला के नाम से पुकारते थे।

लेकिन इनका असली नाम गेरत्रुद मार्गरेट जेले था और वह पेशे से एक डांसर थीं। वह भारतीय नृत्यों में भी पारंगत थीं और आंखों व हाथों से कई सारी अदाएं देने में पारंगत थीं। अपने शरीर और अदाओं के सहारे वे बड़े लोगों की जासूसी करती थीं और कई देशों के शीर्ष सेना अधिकारियों, मंत्रियों, राजशाही के सदस्यों से उसके नज़दीकी रिश्ते थे।

माता हारी हर तरह के नृत्यों में पारंगत थी। वह एक खास अंदाज में अलग-अलग अदाएं बनाकर नृत्य करती थीं। जिसके कारण उन्हें जल्द ही काफी लोकप्रियता मिल गई। अपने जलवों के लिए वे 1905 में पेरिस पहुंची थीं। उनका नृत्य ही वह वजह थी जिसके कारण वह बड़े अफसरों के बीच जल्द ही लोगकप्रिय हो गईं। इसके बाद डांस की प्रस्तुतियों के लिए ही वह पूरे यूरोप में यात्राएं करने लगीं। माता हारी के नृत्य के लोग कायल हुआ करते थे। लेकिन इनकी जिंदगी उतनी सिंपल नहीं रही जिसकी आशा इन्होंने खुद की थी।

नशे में पीटता था पति

पढ़ें :- Funny Video: स्कूटी चला रही थी लड़की अचानक हुआ कुछ ऐसा देख नहीं रोक पाएंगे हंसी

माता हारी को अपना जिस्म जबरदस्ती बेचना पड़ा था। क्योंकि वह अपने पति को छोड़ चुकी थीं, जो नीदरलैंड की शाही सेना में अधिकारी था और इंडोनेशिया में तैनात था। लेकिन पति के सरकारी अफसर होने का कोई भी सुख माता हारी को नहीं मिला। क्योंकि वह अव्वल दर्जे का शराबी था और नशे में माता हारी को पीटता था।3

इसलिए नाम पड़ा माता हारी

लेकिन जेले उर्फ माता हारी के पास एक अद्भुत प्रतिभा थी। वह हक़ीक़त के साथ सपनों की दुनिया को जोड़ सकती थी। इस प्रतिभा के कारण ही जावा में रहते हुए उसने भारतीय कामकला के रहस्यपूर्ण गूढ़ार्थों को समझा और फिर उसी समय के बाद उसका नाम माता हारी पड़ा। उसके इस नए अवतार का जादू लोगों के दिलोदिमाग़ पर छा गया।

वह शुरू से जासूस नहीं थी। लेकिन नृत्य से उसे उतने पैसे नहीं मिल रहे थे जो उसकी सुख-सुविधाओं को पूरा कर सके। जर्मन अधिकारियों ने उनकी इस कमजोरी को भांप लिया और जर्मनी के लिए जासूसी करने का न्यौता दिया।

पहले विश्व युद्ध के बाद बनी जासूस

पढ़ें :- CSBC Recruitment: केंद्रीय चयन पर्षद बिहार ने कांस्टेबल के पदों पर निकाली भर्ती, कैंडिडेट्स ऐसे करें अप्लाई

पहले विश्‍व युद्ध के समय तक वह एक डांसर और स्ट्रिपर के रूप में मशहूर हो गई थीं। उनका कार्यक्रम देखने कई देशों के लोग और सेना के बड़े अधिकारी पहुंचा करते थे। इसी मेलजोल के दौरान गुप्त जानकारियां एक से दूसरे पक्ष को दी जाने लगीं। ऐसा माना जाता है कि वह हिटलर और फ्रांस दोनों देशों के लिए जासूसी करती थीं। लेकिन हिटलर की मौत के बाद जब जर्मनी के गोपनीय दस्तावेज बाहर आए तो इस बात से पर्दा उठ गया कि वह केवल जर्मनी के लिए ही जासूसी करती थीं। जासूसी करने के आरोप में उन्हें 1917 में फ्रांस में गिरफ्तार कर लिया गया और आंख बंद कर गोली मारने की सजा दी गई। जिसके बाद वह हमेशा के लिए चैन की नींद सो गईं।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...