शयन कक्ष यदि वास्तु शास्त्र को ध्यान में रख कर नहीं बनाया गया है तो इसका असर परिवार पर पड़ता है। शयन कक्ष का वास्तु दोष काफी नुकसानदेह होता है।
Vastu Tips: शयन कक्ष यदि वास्तु शास्त्र को ध्यान में रख कर नहीं बनाया गया है तो इसका असर परिवार पर पड़ता है। शयन कक्ष का वास्तु दोष काफी नुकसानदेह होता है। वास्तु शास्त्र के हिसाब से शयनकक्ष रहने पर हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके साथ ही साथ घर के सदस्यों की तरक्की में भी चार चाँद लगता है। आईये जानतें है घर का शयनकक्ष किस दिशा में और कैसा होना चाहिए।
वास्तु के अनुसार, शयनकक्ष दक्षिण-पश्चिम (नैऋित्य कोण) में होना चाहिए। बेडरूम में पूजा का स्थान या पूजा मंदिर नहीं होना चाहिए। इसके अलावा शयनकक्ष में आक्रामक जानवरों की तस्वीर नहीं होनी चाहिए। शयनकक्ष का दरवाजा ऐसा होना चाहिए जहां से बेड पर लेटे हुए व्यक्ति को दरवाजा सामने नजर आए।
1.शयनकक्ष के सामने वाले दरवाज़े पर भी दर्पण नहीं होना चाहिए।
2.शयनकक्ष में प्रवेश करते समय कोई अवरोध या बाधा न हो।
3.शयनकक्ष में रोशनी के ठीक नीचे बेड/पलंग नहीं होना चाहिए।
4.शयनकक्ष का आकार चौकोर या आयत में होना चाहिए।
5.शयनकक्ष की दीवारों पर हल्के और सुखदायक रंगों का प्रयोग करें।
6.अलमारी दरवाजे के प्रवेश में बाधा नहीं करे।