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Achala Saptami 2022 : इस दिन अचला सप्तमी,सूर्य देव के उपासकों के लिए यह दिन बहुत विशेष होता है

सनातन धर्म में सूर्य की पूजा सदियों से होती आ रही है। माना जाता है कि जीव जगत के लिए सूर्य जीवन का आधार है। व्रत त्योहारों की श्रृंखला में माघ माह को बहुत ही पुनीत माना जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Achala Saptami 2022 : सनातन धर्म में सूर्य की पूजा सदियों से होती आ रही है। माना जाता है कि जीव जगत के लिए सूर्य जीवन का आधार है। व्रत त्योहारों की श्रृंखला में माघ माह को बहुत ही पुनीत माना जाता है। इस माह में सूर्य देव की आराधना पूरे मास पर्यन्त होती है। माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रथ सप्तमी मनाई जाती है। इसे अचला सप्तमी (Achala Saptami) या सूर्य जयंती भी कहा जाता है। इस साल यह व्रत 7 फरवरी को रखा जाएगा। मत्स्य पुराण के अनुसार, यह व्रत पूरी तरह से सूर्य देव को समर्पित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार , इस दिन स्नान, दान और पूजा का कई हजार गुना फल मिलता है।

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रथ सप्तमी तिथि एवं पूजा मुहूर्त
सप्तमी तिथि प्रारंभ: 7, फरवरी, सोमवार, दोपहर 4:37 से
सप्तमी तिथि समाप्त: 8 फरवरी, मंगलवार, प्रातः 6:15 तक
रथ सप्तमी पर स्नान मुहूर्त: 7, फरवरी, प्रातः 5:24 से प्रातः 7:09 तक
कुल अवधि: 1 घंटा 45 मिनट
अर्घ्यदान के लिए सूर्योदय का समय: प्रातः 7:05 मिनट

सूर्य सप्तमी प्रत्येक वर्ष मनाए जाने वाला पर्व है। शास्त्रों में भगवान सूर्य  को आरोग्यदायक कहा गया है।  सूर्य देव के उपासकों के लिए यह दिन बहुत विशेष होता है। पितृ पूजा के लिए इस दिन को उत्तम माना गया है। आरोग्य जीवन की चाह से भक्त इस सप्तमी के दिन को पूरी आस्था और श्रद्धा से मनाते है।

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