देश के बाजार नियामक (SEBI) ने शुक्रवार को देश के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को दी जानकारी में कहा कि अरबपति गौतम अडानी (Adani Group) के समूह ने प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन किया है या नहीं। इसकी जांच लगभग पूरी हो गई है । आदेश पारित करने के लिए कुछ मामलों में कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
नई दिल्ली। देश के बाजार नियामक (SEBI) ने शुक्रवार को देश के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को दी जानकारी में कहा कि अरबपति गौतम अडानी (Adani Group) के समूह ने प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन किया है या नहीं। इसकी जांच लगभग पूरी हो गई है । आदेश पारित करने के लिए कुछ मामलों में कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
दो मामलों में जांच जारी : सेबी
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कहा कि उसने अदाणी समूह (Adani Group) की सूचीबद्ध कंपनियों से जुड़े 24 लेनदेन की जांच की है, जिनमें से 22 की जांच अंतिम स्थिति में जबकि दो मामलों में जांच जारी है। सेबी (SEBI) जांच के नतीजों के आधार पर उचित कार्रवाई करेगा। अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की ओर से सवाल उठाने के बाद अदाणी समूह (Adani Group) की सूचीबद्ध कंपनियों को इस साल की शुरुआत में बाजार मूल्य में 100 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ था। हालांकि समूह ने अपनी ओर से कुछ भी गलत करने से इनकार किया था। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने सेबी (SEBI) को आरोपों की जांच करने और मार्च में गठित छह सदस्यीय पैनल को अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा था, जिसमें एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश और अनुभवी बैंकर शामिल थे।
न्यायालय की ओर से नियुक्त समिति ने मई में कहा था कि नियामक ने अपनी जांच में अब तक कोई सुराग नहीं लगाया है और मामले की जांच जारी रखना अंतहीन यात्रा है, हालांकि इस दौरान नियामक को अपनी जांच पूरी करने के लिए और समय दिया गया था।
सेबी ने कहा कि वह जांच रिपोर्ट के परिणाम के आधार पर उचित कार्रवाई करेगा
सेबी (SEBI) ने कहा कि उसने बाहरी एजेंसियों से जानकारी मांगी है। यह सूचना उपलब्ध होने पर नियामक जरूरत पड़ने पर इस मामले में आगे की कार्रवाई का निर्धारण करेगा। न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों से संबंधित जांच में, सेबी (SEBI) ने कहा कि उसकी जांच में अदाणी समूह (Adani Group) की कंपनियों की 13 विदेशी इकाइयां (12 एफपीआई और एक विदेशी इकाई) शामिल थीं, लेकिन चूंकि इन विदेशी निवेशकों से जुड़ी कई संस्थाएं टैक्स हेवन अधिकार क्षेत्र में स्थित हैं, इसलिए उनके आर्थिक हितों के बारे में जानकारी जुटाना एक चुनौती की तरह है।
हालांकि, सेबी (SEBI) ने कहा कि कि पांच विदेशी न्यायालयों से विवरण एकत्र करने के प्रयास चल रहे हैं। नियामक ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में अदालत को यह भी अवगत कराया है कि वह जांच रिपोर्ट के परिणाम के आधार पर उचित कार्रवाई करेगा।