पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की एक बार फिर से वापसी हो गयी है। ममता की वापसी के साथ ही सबसे बड़ा झटका इस बार कांग्रेस को लगा है। कांग्रेस 2016 में 44 सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन 2021 के चुनाव में उसके खाते में एक भी सीट नहीं गई। पार्टी की इस दुर्गति को लेकर अधीर रंजन चौधरी का बयान आया है।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की एक बार फिर से वापसी हो गयी है। ममता की वापसी के साथ ही सबसे बड़ा झटका इस बार कांग्रेस को लगा है। कांग्रेस 2016 में 44 सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन 2021 के चुनाव में उसके खाते में एक भी सीट नहीं गई। पार्टी की इस दुर्गति को लेकर अधीर रंजन चौधरी का बयान आया है।
उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव में मुस्लिम वोट पूरी तरह से टीएमसी के खाते में चला गया, जबकि लेफ्ट ने भी अपना वोट टीएमसी को ट्रांसफर कर दिया, जिसके कारण कांग्रेस इस बार के चुनाव पिछड़ गयी। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘टीएमसी सत्ता को बचाना चाहती थी, जबकि बीजेपी पावर हासिल करना चाहती थी। हमारे लिए ऐसा कुछ दांव पर नहीं था। हम अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे थे।’
इसके साथ ही अधीर रंजन चौधरी ने बीजेपी पर पोलराइजेशन का भी आरोप लगाते हुए कहा कि उसने इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी थी, लेकिन फेल साबित हुई। उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद और मालदा जैसे इलाकों में मुस्लिम वोट बैंक का ध्रुवीकरण हुआ है।
चौधरी ने कहा कि सीतालकुची में केंद्रीय बलों की फायरिंग में 4 युवकों की मौत हुई थी और सभी मुस्लिम थे। इसके बाद से ही ध्रुवीकरण तेज हुआ। चौधरी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि टीएमसी ने इस स्थिति का फायदा उठाया और अपने वोटों का ध्रुवीकरण किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि ममता बनर्जी पर महिलाओं ने भरोसा जताया है, जबकि मुस्लिमों ने भी उनका विश्वास किया।