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Afghanistan Crisis: तालिबान के सत्ता में आने के बाद जर्मनी ने की अमेरिका की वापसी के फैसले की आलोचना

अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) ने पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। महज कुछ दिनों में ही तालिबान (Taliban) के लड़ाकों ने बड़ी आसानी से ये सब कर लिया। उधर, अफगानिस्तान (Afghanistan) के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) देश छोड़कर वहां से चले गए हैं।

By अनूप कुमार 
Updated Date

काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) ने पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। महज कुछ दिनों में ही तालिबान (Taliban) के लड़ाकों ने बड़ी आसानी से ये सब कर लिया। उधर, अफगानिस्तान (Afghanistan) के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) देश छोड़कर वहां से चले गए हैं। तालिबान (Taliban) के डर से लोग किसी तरह देश छोड़ने की कोशिश में हैं। अफगाननिस्तान से निकलने के लिए काबुल एयरपोर्ट एक मात्र रास्ता बचा है। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान शासन के बाद चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। रविवार को तालिबान (Taliban) ने काबुल और राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया।

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान से सेना की वापसी का अमेरिका का फैसला देश की घरेलू राजनीति के तहत लिया गया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी इससे पहले देश छोड़कर भाग गए थे।

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान छोड़कर भागने वाले राष्ट्रपति अशरफ गनी देर रात फेसबुक पर पोस्ट अपने देश छोड़ने की वजह बताई। उन्होंने लिखा है कि वह इसलिए अफगानिस्तान से भागे, ताकि लोगों को ज्यादा खून-खराबा न देखना पड़े। गनी ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि अगर वह अफगानिस्तान में रुके होते तो बड़ी संख्या में लोग देश के लिए लड़ने आते। ऐसे में वहां असंख्य लोगों की जान जाती। साथ ही काबुल शहर पूरी तरह से बर्बाद हो जाता।

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