जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) को करीब तीन दशकों के बाद मंगलवार को मनोरंजन का बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) घाटी के पहले मल्टिप्लेक्स (Multiplex in Kashmir) का उद्घाटन कर रविवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां और पुलवामा जिलों में सिनेमाघरों की शुरुआत की थी
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) को करीब तीन दशकों के बाद मंगलवार को मनोरंजन का बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) घाटी के पहले मल्टिप्लेक्स (Multiplex in Kashmir) का उद्घाटन कर रविवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां और पुलवामा जिलों में सिनेमाघरों की शुरुआत की थी। खबर है कि INOX चेन के इस मल्टिप्लेक्स में आमिर खान स्टारर ‘लाल सिंह चड्ढा’ Lal (Singh Chaddha) के प्रीमियर से फिल्मो का प्रदर्शन शुरू होगा।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने इस अवसर को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए पुलवामा में संवाददाताओं से कहाकि हम जल्द ही जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के हर जिले में ऐसे बहुउद्देशीय सिनेमा हॉल बनाएंगे। आज मैं ऐसे सिनेमा हॉल पुलवामा और शोपियां के युवाओं को समर्पित करता हूं।’ उन्होंने कहा कि अनंतनाग, श्रीनगर, बांदीपुरा, गांदेरबल, डोडा, राजौरी, पुंछ, किश्तवाड़ और रियासी में जल्द ही सिनेमा हॉल का उद्घाटन किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार इससे कोई संदेश देना चाहती है, सिन्हा ने कहा कि कोई संदेश नहीं है।
जानें इस मल्टिप्लेक्स के बारे में
इस मल्टिप्लेक्स में तीन स्क्रीन होंगी, जहां 522 दर्शक एक बार में फिल्म का मजा ले सकेंगे। सबसे पहले यहां कश्मीर में ही आंशिक रूप से शूट हुई आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ दिखाई जाएगी। इसके बाद 30 सितंबर को सैफ अली खान और ऋतिक रोशन की फिल्म ‘विक्रम वेधा’ (Vikaran Vedha) का प्रदर्शन होगा। फिलहाल, दिन में सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे के बीच तीन शो चलाने की योजना है। बाद में दर्शकों की संख्या को देखकर इसमें बदलाव किए जाएंगे।
आतंकियों ने 1990 में करा दिए थे बंद सिनेमाघर
1990 के समय में भी कुछ सिनेमाघरों को खोलने की कोशिशें की गई थीं। हालांकि, आतंकवाद के चलते प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो पाए। सितंबर 1999 में आतंकियों ने लाल चौक पर स्थित रीगल सिनेमा पर ग्रेनेड से हमला कर दिया था। कहा जाता है कि 80 के दशक तक भी घाटी में करीब एक दर्जन सिनेमाघर थे, लेकिन मालिकों को दहशतगर्दों की तरफ से मिली धमकियों की चलते बंद हो गए।
प्रोजेक्ट के चेयरमैन विजय धर ने कहा कि युवाओं को सिनेमा को लेकर वही सुविधाएं मिलनी चाहिए, जो वे कश्मीर के बाहर हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि 30 सालों से यहां ऐसी कोई चीज नहीं हई थी। तो हमने सोचा क्यों नहीं? फिर हमने शुरुआत की। युवाओं को सिनेमा में वे सुविधाएं मिलना चाहिए, जो उन्हें जम्मू या देश के दूसरे शहरों में मिलती हैं।’