विपक्ष राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar) के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) ला सकता है। आज यानी मंगलवार सुबह हुई विपक्ष की बैठक में इस पर चर्चा की गई है।
नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा (Manipur violence) के मुद्दे पर विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) लेकर आया है। इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया गया है। हालांकि इस पर कब चर्चा होगी? ये अभी तक तय नहीं हुआ है। इस बीच खबर है कि विपक्ष राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar) के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) ला सकता है। आज यानी मंगलवार सुबह हुई विपक्ष की बैठक में इस पर चर्चा की गई है।
विपक्ष का मानना है कि सभापति ने मणिपुर पर एकतरफा फैसले लिए
विपक्ष का आरोप है कि सभापति विपक्ष की बात नहीं सुनते हैं और सत्ता पक्ष को तरजीह देते हैं। इसी पर विपक्ष की बैठक में कुछ दलों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) लाने की मांग की है।हालांकि, ध्यान देने वाली बात ये है कि अभी इस मांग पर बैठक में सिर्फ चर्चा हुई है। फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है। अभी तक मणिपुर को लेकर राज्यसभा के चेयरमैन (Rajya Sabha Chairman) का जो रुख रहा है, विपक्ष उससे नाराज है। विपक्ष का मानना है कि सभापति ने मणिपुर पर एकतरफा फैसले लिए हैं। विपक्ष चाहता है कि मणिपुर पर नियम 267 के तहत चर्चा हो।
अविश्वास प्रस्ताव के बीच संसन से बिल पास कराना पूरी तरह से गैरकानूनी और परंपरा के खिलाफ, विपक्ष जा सकता है सुप्रीम कोर्ट
इस बीच ये भी जानकारी है कि विपक्ष इस बात से भी खफा है कि सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) को स्वीकार कर लिया है, लेकिन उस पर कब बहस होगी? ये तय नहीं हुआ है और इस बीच सरकार की तरफ से सदन में बिल पेश किए जा रहे हैं और उन्हें पास भी कराया जा रहा है। विपक्ष का आरोप है कि ऐसा कराना पूरी तरह से गैरकानूनी और परंपरा के खिलाफ है। इसे लेकर विपक्ष सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जा सकता है। वहां मांग की जाएगी की जो भी बिल इस दौरान पास कराए गए हैं, उन सभी को रिजेक्ट किया जाए। दुनिया के तीन देशों में ऐसा हो चुका है। इस पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह (Aam Aadmi Party MP Sanjay Singh) से सवाल किया गया तो उन्होंने कि सारे पत्ते एक दिन में नहीं खोले जाते।