नए कृषि कानूनों (Agricultural Law) को लेकर किसानों का आंदोलन (farmers' movement) जारी है। किसान बीते करीब आठ महीनों से कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। बीते कई महीनों से सरकार और किसानों के बीच बातचीत भी नहीं हुई है।
नई दिल्ली। farmers’ movement in india नए कृषि कानूनों (Agricultural Law) को लेकर किसानों का आंदोलन (farmers’ movement) जारी है। किसान बीते करीब आठ महीनों से कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। बीते कई महीनों से सरकार और किसानों के बीच बातचीत भी नहीं हुई है।
लिहाजा, किसानों का आंदोलन जारी है। वहीं, इस बीच किसान आंदोलन (farmers’ movement) का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने सरकार को चेताया है। उन्होंने कहा कि किसान संसद (Parliament) चलाना जानता है और गांवों में सबक भी सिखाना जानता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गूंगी बहरी सरकार को जगाने का काम भी किसानों ने किया है।
किसान संसद से किसानों ने गूंगी -बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गांव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे ।#FarmersProtest #FarmersProtest_AtParliament
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) July 24, 2021
वहीं, जंतर मंतर पर किसान अपनी संसद चला रहे हैं। बता दें कि, मॉनसून सत्र की शुरूआत होने से पहले किसानों ने जंतर मंतर पर अपनी ताकत दिखाने का ऐलान किया था। इसी क्रम में किसान कृषि कानूनों (Agricultural Law) की वापसी की मांग को लेकर जंतर मंतर पहुंच रहे हैं।
रविवार को किसानों के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने ट्वीट कर कहा है कि, किसान संसद (Parliament) से किसानों ने गूंगी -बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गांव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे।