समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार का नाम लिए बगैर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दुनिया में मूलतः दो तरह के लोग होते हैं। एक वो जो सच में कुछ काम करते हैं और कुछ वो जो दूसरों का काम अपने नाम करते हैं।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने शनिवार को केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) का नाम लिए बगैर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दुनिया में मूलतः दो तरह के लोग होते हैं। एक वो जो सच में कुछ काम करते हैं और कुछ वो जो दूसरों का काम अपने नाम करते हैं।
दुनिया में मूलतः दो तरह के लोग होते हैं कुछ वो जो सच में काम करते हैं और कुछ वो जो दूसरों का काम अपने नाम करते हैं…सपा की काम करनेवाली सरकार में और आज की ‘कैंचीजीवी’ सरकार में ये फ़र्क़ साफ़ है… इसीलिए बाइस के चुनाव में भाजपा पूरी तरह होने वाली साफ़ है।#सपा_का_काम_जनता_के_नाम pic.twitter.com/LZWJdBqULV
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 11, 2021
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि सपा की काम करने वाली सरकार में और आज की ‘कैंचीजीवी’ सरकार (‘Scissor’ Government) में ये फ़र्क़ साफ़ है। इसीलिए बाइस के चुनाव में भाजपा पूरी तरह होने वाली साफ़ है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि सपा के समय तीन चौथाई बन चुकी ‘सरयू राष्ट्रीय परियोजना’ के शेष बचे काम को पूर्ण करने में उप्र भाजपा सरकार ने पांच साल लगा दिए। उन्होंने कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में फिर सपा का नया युग आएगा, विकास की नहरों से प्रदेश लहलहाएगा।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें से अधिकांश समाजवादी पार्टी द्वारा शुरू किए गए थे। एसपी ने इसके लिए जमीन नहीं दी तो गोरखपुर एम्स कभी नहीं बन पाएगा। उत्तर प्रदेश के लोग अब ‘योगी’ सरकार नहीं चाहते, वे ‘योग्य’ सरकार चाहते हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने युवाओं को लैपटॉप दिए और भाजपा ने उन पर लाठीचार्ज किया। सपा ने गरीबों को लोहिया आवास दिया और लखीमपुर खीरी में भाजपा ने किसानों को खदेड़कर मार डाला। समाजवादी पार्टी विकास में विश्वास करती है जबकि नाम बदलने में विश्वास रखती है। सपा प्रमुख ने कहा कि बीजेपी ने दिखाया सपना 2022 तक दोगुनी हो जाएगी किसानों की आमदनी, कहां हैं बढ़ी आमदनी वाले किसान? वे परियोजनाओं की तुलना में विज्ञापनों पर अधिक खर्च करते हैं। बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए हैं कि युवाओं को नौकरी मिल रही है, यूपी में उन्हें नौकरी कहां दी?