हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का दिन एक विशेष संयोंग है।भगवान विष्णु के प्रतीक के रूप में चारों ओर तुलसी का जल छिड़का जाता है। वैशाख माह की तृतीया तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है।
Akshaya Tritiya 2022 : हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का दिन एक विशेष संयोंग है।भगवान विष्णु के प्रतीक के रूप में चारों ओर तुलसी का जल छिड़का जाता है। वैशाख माह की तृतीया तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है। पूर्वी भारत में, यह दिन आगामी फसल के मौसम के लिए पहली जुताई के दिन के रूप में शुरू होता है। साथ ही, व्यवसायियों के लिए, अगले वित्तीय वर्ष के लिए एक नई ऑडिट बुक शुरू करने से पहले भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसे ‘हलखाता’ के नाम से जाना जाता है। इस दिन बिना कोई पंचांग देखे कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह-प्रवेश, वस्त्र-आभूषणों की खरीददारी या घर, भूखण्ड, वाहन आदि की खरीददारी से सम्बन्धित कार्य किए जा सकते हैं।
इस साल अक्षय तृतीया 03 मई 2022 (मंगलवार) को पड़ रही है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा सफेद कमल अथवा सफेद गुलाब या पीले गुलाब से करना चाहिये। प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बद्रीनारायण के कपाट भी इसी तिथि से ही पुनः खुलते हैं। वृन्दावन स्थित श्री बाँके बिहारी जी मन्दिर में भी केवल इसी दिन श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं। इस तिथि को परशुराम जयन्ती बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।