भगवान विष्णु की विशेष कृपा पाने के लिए अक्षय तृतीया का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया को एक विशेष दिन माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के लिए विशेष तैयारियां की जाती है।
Akshaya Tritiya 2022: भगवान विष्णु की विशेष कृपा पाने के लिए अक्षय तृतीया का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया को एक विशेष दिन माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के लिए विशेष तैयारियां की जाती है। शुद्धता को बनाये रखने के लिए घरों में तुलसी के जल का छिड़काव इस दिन किया जाता है।वैशाख माह की तृतीया तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है। इस साल अक्षय तृतीया 03 मई 2022 (मंगलवार) को पड़ रही है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा सफेद कमल अथवा सफेद गुलाब या पीले गुलाब से करना चाहिये। इस दिन 50 साल बाद ग्रहों के विशेष योग से अद्भुत संयोग भी बन रहा है।
मालव्य राजयोग
अक्षय तृतीया के दिन शुक्र के अपनी उच्च राशि में होने से मालव्य राजयोग, गुरु के मीन राशि में होने से हंस राजयोग और शनि के अपने घर में विद्यमान होने से शश राजयोग बन रहा है, वहीं इस दिन सूर्य और चंद्रमा अपनी उच्च राशि में स्थित रहेंगे। करीब 50 साल बाद ऐसा संयोग बना है कि दो ग्रह उच्च राशि में और दो प्रमुख ग्रह स्वराशि में स्थित रहेंगे
परशुराम जयंती धूमधाम से मनाई जाती है
अक्षय तृतीया के दिन बिना कोई पंचांग देखे कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह-प्रवेश, वस्त्र-आभूषणों की खरीददारी या घर, भूखंड, वाहन आदि की खरीददारी से सम्बन्धित कार्य किए जा सकते हैं। प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बद्रीनारायण के कपाट भी इसी तिथि से ही पुनः खुलते हैं। वृन्दावन स्थित श्री बाँके बिहारी जी मन्दिर में भी केवल इसी दिन श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं। इस तिथि को परशुराम जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।