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Amarnath Yatra 2022 : दुर्गम अमरनाथ यात्रा इस दिन से शुरू हो रही है, होता है बाबा का अद्भुत दर्शन

हिंदुओं के आराध्य देव बाबा अमरनाथ हिमालय की दुर्गम गुफा में विराजमान है। इस पवित्र तीर्थ को अमरनाथ धाम कहते है। प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालु बाबा का दर्शन करने के लिए दुर्गम पर्वतीय रास्ते से होते हुए बाबा के धाम पर पहुंची है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Amarnath yatra 2022: हिंदुओं के आराध्य देव बाबा अमरनाथ हिमालय की दुर्गम गुफा में विराजमान है। इस पवित्र तीर्थ को अमरनाथ धाम कहते है। प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालु बाबा का दर्शन करने के लिए दुर्गम पर्वतीय रास्ते से होते हुए बाबा के धाम पर पहुंची है। धार्मिक दृष्टि से अमरनाथ धाम में अद्भुत शिवलिंग के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है। अमरनाथ में भगवान शिव के अद्भुत हिमलिंग दर्शन के साथ ही माता सती का शक्तिपीठ होना एक दुर्लभ संयोग है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां देवी सती का कंठ गिरा था भगवान शिव ने इसी गुफा में माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था इसलिए इस गुफा को अमरनाथ गुफा कहा जाता है। बर्फ से शिवलिंग बनने की वजह से इसे ‘बाबा बर्फानी’ भी कहते हैं।

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इस साल अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरु हो रही है जो 43 दिनों के बाद 11 अगस्त 2022 यानी रक्षाबंधन के दिन खत्म होगी।

यह शिवलिंग चंद्रमा की रोशनी के आधार पर बढ़ता और घटता है।
हर साल यहां श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शिवलिंग पूरा होता है और उसके बाद आने वाली अमावस्या तक आकार में काफी घट जाता है।
बर्फ का शिवलिंग, गुफा की छत में एक दरार से पानी की बूंदों के टपकने से बनता है। बेहद ठंड की वजह से पानी जम जाता है और बर्फ के शिवलिंग का आकार ले लेता है।
बर्फ के शिवलिंग के बाईं ओर दो छोटे बर्फ के शिवलिंग भी बनते हैं।कहा जाता है कि ये मां पार्वती और भगवान गणेश का प्रतीक हैं।

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